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मिर्जापुर

विंध्याचल नवरात्र मेले पर संकट, मिर्जापुर नगर पालिका ने व्यवस्था से खींचे हाथ, कहा पहले पिछला बकाया चुकाओ

6 अप्रैल से शुरू है चैत्र नवरात्र, नगर पालिका के हाथ खड़ा करने के बाद जिला प्रशासन व्यवस्था में जुटा।
नगर पालिका चेयरमैन और डीएम का विवाद बतायी जा रही है इसके पीछे की वजह।

मिर्जापुरApr 02, 2019 / 05:18 pm

रफतउद्दीन फरीद

Navratra

नवरात्र

मिर्ज़ापुर. जिलाधिकारी और मिर्जापुर भाजपा चेयरमैन के बीच की तनातनी खत्म होने का नाम नहीं ले रही। नगर पालिका में आय-व्यय का हिसाब-किताब गायब होने की घटना से शुरू हुए विवाद की छाया विंध्याचल में होने वाले विश्व प्रसिद्ध नवरात्र मेले पर भी पड़ती दिख रही है। छह अप्रैल से शुरू हो रहे चैत्र नवरात्र में नगर पालिका ने अब तक दी जा रही व्यवस्था से अपने हाथ खींच लिये है। इसके पीछे भुगतान के विवाद को वजह बताया जा रहा हे। नगर पालिका की ओर से इसके लिये डीएम को पत्र लिखकर सूचित किया जा चुका है। इस बार पालिका ने पिछले बकाए का हवाला देते हुए मेले में व्यवस्था देने से हाथ खड़े कर दिये हैं। पालिका के हाथ खड़े करने के बाद इसका जिम्मा जिला प्रशासन ने संभाल लिया है और खुद डीएम अनुराग पटेल विंध्याचल की व्यवस्था की देखरेख में लग गए हैं। नवरात्र के पहले विंध्याचल में साफ-सफाई और अतिक्रमण हटाने का काम शुरू कर दिया गया है।
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नगर पालिका ने लिखा पत्र, पहले चुकता करें पिछला बकाया

नवरात्र से पहले नगरपालिका की ओर से 11 मार्च 2019 को जिला प्रशासन को एक पत्र भेजकर कहा गया कि पालिका की आर्थिक स्थित ठीक नहीं है। पिछले दो नवरात्र का 1.5 करोङ रूपये का भार नगरपालिका पर पड़ा है। पत्र में दावा किया गया है कि नवरात्र में 95 प्रतिशत काम जिसमें साफ-सफाई, पेयजल, प्रकाश, रैन बसेरा, कंट्रोल रूम व बड़ी संख्या में स्थायी और अस्थाई शौचालय के निर्माण सहित 95 प्रतिशत काम नगर पालिका ही कराती है। इस पर 75 से 80 लाख रुपया खर्च नगरपालिका करता है। पिछले बकाए का हवाला देते हुए आगामी नवरात्र में नगरपालिका सिर्फ विंध्याचल में रोज की व्यवस्था के तहत कार्य ही कर पायेगी। पालिका विंध्याचल की जनता को पीने का पानी और साफ सफाई व स्ट्रीट लाइट की व्यवस्था दे सकेगी। बीजेपी शासित मिर्जापुर नगर पालिका का यह पत्र राजनैतिक हलकों में चर्चा का विषय बना हुआ है। यह पहली बार है कि नगर पालिका ने नवरात्र मेले की व्यवस्था से खुद के अलग कर लिया हो। अब तक ऐसा कभी नहीं हुआ।
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क्या है डीएम और नगर पालिका चेयरमैन विवाद

डीएम और नगर पालिका अध्यक्ष के बीच विवाद की शुरुआत नगर पालिका में नोडल अधिकारी के दौरे के दौरान 26 करोङ रूपये के आय व्यय का हिसाब गायब होने के बाद हुई। घोटाले की आशंका जताते हुए इसकी जांच का देश भी दे दिया गया। इसके बाद नगरपालिका में कुछ फाइलें जलायी गयीं, जिसके बारे में कहा गया कि पालिका में चोरी छिपे अभिलेखों को जलाया जा रहा है। हालांकि पालिका ने इसे रद्दी कागज बताया। इसके बाद जिला प्रसाशन ने नगरपालिका की ओर से कराए गए कामों की जांच करायी तो उसमें एक करोङ रूपये के ऊपर के गलत टेंडरिंग की बात सामने आने पर उसको रद्द कर दिया गया। पूरे मामले पर नगरपालिका अध्यक्ष मनोज जायसवाल ने डीएम के खिलाफ धरना प्रदर्शन भी किया था।
By Suresh Singh

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