अपनी प्राकृतिक खूबसूरती के लिए प्रसिद्ध जिले के पर्यटन स्थलों पर बरसात के समय वाराणसी, सोनभद्र , चंदौली , भदोही , सहित पूर्वांचल के कई जनपदों से लोग दरी व फाल पर पिकनिक मनाने आते है।परिवार के साथ पिकनिक मनाने पहुचे लोग यहां पर झरने में गिरते पानी का आनंद उठाने एव मस्ती करने के लिये आते है।मगर पिछले वर्ष खड़ंजा फाल और लखनिया दरी में हुए हादसे में डूबने से आधा दर्जन पर्यटको कि मौत हो गयी थी। इस वर्ष भी बरसात के शुरुआत में ही विंडमफाल में भदोही से आये पर्यटक कि मौत के बाद जिला प्रसाशन और पुलिस ने सख्ती करनी शुरू कर दिया।शनिवार और रविवार को छुट्टी का दिन होने के कारण सबसे ज्यादा भीड़ इसी दिन पर्यटन स्थलों पर होती है। शनिवार को लिखनिया दरी पहुचे सैकड़ो लोग वहां से मुख्य सड़क के किनारे लिखनिया दरी मे जाने के लिये लगे गेट को पुलिस ने बंद कर रस्सी से बांध दिया की कोई अंदर न जाने पाये इनके लिए गेट पर एक दरोगा सहित चार सिपाहियों की डियूटी लगा दी गयी। इस दौरान गेट खोलने को लेकर पुलिस से कई लोगो की किचकिच भी हुई लेकिन पुलिस ने किसी को अंदर नही जाने दिया जिससे लोग मायूस होकर लौट गये।यही हाल रविवार को विंडमफाल और खड़नाफाल पर था।
खड़ना फाल को पुलिस ने लगभग बंद ही करा दिया था।इसके साथ ही विंडम फाल पर बरकछा चौकी प्रभारी ऐश खान पूरे दल बल के साथ मौजूद रहे।यहां पर पर्यटको को फाल के पास जाने व नहाने पर रोक लगी रही मगर पर्यटक को घूमने कि छूट जरूर थी। वही अपर पुलिस अधीक्षक प्रकाश स्वरूप का कहना है कि पर्यटन स्थलों पर भारी संख्या मे लोग अपने परिवार के साथ एव अकेले घूमने के लिये आते है । यहाँ आने वाले युवा वर्ग के लोग मस्ती मे इतना डूब जाते है की उनको कंट्रोल करना मुश्किल हो जाता है।जिसकी वजह से हादसा हो जाता है। बतादें कि पहाड़ी क्षेत्र होने के कारण वर्षा का पता नही चल पाता है और अचानक पानी बढ़ जाता है जिससे लोगो को बहने एव डूबने की आशंका बनी रहती है। मगर सवाल उठता है कि पुलिस और प्रसाशन को जहां पर्यटकों को सुरक्षा और सुबिधा दी जानी जाहिए।वही इस तरह पर्यटन स्थलों को बंद करा देना कहा तक उचित है फिलहाल आज प्रसाशनिक सख्ती के बाद पर्यटको से गुलजार रहने वाले इन पर्यटन स्थलों पर सन्नाटा दिखाई दिया।
By- Suresh Singh