भारत सरकार के इस निर्णय के खिलाफ देश की सबसे बड़ी अदालत में याचिका दाखिल की गई है। याचिका बुधवार को वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने दाखिल की। प्रशांत भूषण ने जब इस यचिका पर जल्द सुनवाई करने की मांग करते हुए मेंशन किया था तो चीफ जस्टिस ने कहा कि आप याचिका दायर कीजिए ये लिस्ट की जाएगी। आज सुप्रीम कोर्ट रोहिंग्या समुदाय के लोगों को म्यांमार वापस भेजने के खिलाफ याचिका पर सुनवाई करेगा। वहीं संयुक्त राष्ट्र संघ ने रोहिंग्या समुदाय के लोगों को वापस भेजने पर आपत्ति जताई है। नस्लवाद पर संयुक्त राष्ट्र के विशेष दूत ने कहा है कि अगर भारत ऐसा करता है तो यह उसके अंतरराष्ट्रीय कानूनी दायित्व से मुकरने जैसा होगा। उल्लेखनीय है कि भारत सरकार ने गत वर्ष संसद को बताया था कि संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी यूएनएचसीआर में पंजीकृत 14,000 से ज्यादा रोहिंग्या लोग भारत में रहते हैं। हालांकि सहायता प्रदान करने वाली एजेंसियों ने देश में रहने वाले रोहिंग्या लोगों की संख्या करीब 40,000 बताई है।