इसरो का बड़ा खुलासाः चंद्रयान-2 मिशन की विफलता स्वीकारी, कमेटी कर रही है स्टडी
इसरो ने कई संस्थानों, संगठनों, वैज्ञानिकों को किया शामिल।
इसरो के प्रवक्ता विवेक सिंह ने दी चंद्रयान-2 से जुड़ी जानकारी।
चंद्रयान-3 मिशन को लेकर भी सिंह ने किया खुलासा।
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नई दिल्ली। इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गनाइजेशन (इसरो) ने बृहस्पतिवार को मिशन चंद्रयान-2 को लेकर एक बड़ा खुलासा किया। इसरो ने चंद्रयान-2 मिशन की विफलता को स्वीकार लिया। इसरो के प्रवक्ता ने बताया कि चंद्रयान-2 को लेकर आई परेशानियों और विक्रम लैंडर की हार्ड लैंडिंग की वजहों का अध्ययन करने के लिए एक समिति काम कर रही है।
उन्होंने आगे कहा, “मैं चंद्रयान-3 मिशन पर एक सुझाव और रिपोर्ट भी दूंगा, इस मिशन की डेडलाइन 2020 है।” गौरतलब है कि इसरो ने बुधवार को चंद्रयान-2 द्वारा ली गई चंद्रमा की सतह की 3D (त्रिआयामी) तस्वीरें जारी कीं। चंद्रयान-2 ऑर्बिटर के टेरेन टैपिंग कैमरा द्वारा चंद्रमा की सतह पर क्रेटर की तस्वीरें कैप्चर की गईं।
दरअसल, बीते 7 सितंबर को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव में लैंडिंग करने से केवल 2.1 किलोमीटर पहले ही विक्रम लैंडर का इसरो से संपर्क टूट गया था और फिर इसकी खोजबीन शुरू कर दी गई। इसरो ने दूसरे ही दिन चंद्रमा की सतह पर इसकी लोकेशन खोज ली और घोषणा कर दी कि विक्रम लैंडर मिल गया है।
हालांकि विक्रम लैंडर की लोकेशन मिली थी, इससे संपर्क नहीं हो सका था। ना ही चंद्रयान का ऑर्बिटर इसकी तस्वीरें ले सका था। इसके बाद इसरो ने विक्रम लैंडर से संपर्क साधने के प्रयास शुरू कर दिए और तमाम तकनीकों का इस्तेमाल किया। इसरो को सफलता नहीं हासिल हो सकी।
इसकी वजह से विक्रम पर मौजूद राडार, कम्यूनिकेशन सिस्टम, बैटरी और सिस्टम में कोई खामी आने की आशंका जाहिर की गई और इसके फलस्वरूप ही संपर्क न हो पाने की बात कही गई।
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