कोर्ट ने साक्ष्य को विश्वसनीय माना
कोर्ट ने अभियोजन पक्ष के साक्ष्य को विश्वसनीय मानते हुए कार्रवाई। इसके तहत आम आदमी पार्टी विधायक मनोज कुमार को लोक सेवक के काम में बाधा डालने का दोषी माना। यही नहीं मतदान केंद्र में या इसके आस-पास अवैध हरकत करने के लिए भी दोषी पाया था।
इससे पहले मनोज कुमार मानहानि केस में बरी हो चुके हैं। दरअसल इससे पहले मई, 2018 को दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने जिन तीन आम आदमी पार्टी (आप) विधायकों को राहत देते हुए मानहानि के केस में बरी कर दिया था, मनोज कुमार उन्हीं तीन विधायकों में से एक हैं।
कोर्ट ने आप विधायक को दोषी ठहराने के पीछे जो तर्क दिया उसके मुताबिक मनोज कुमार के इस कदम की वजह से आम मतदाताओं को काफी परेशानी हुई थी। वहीं मनोजर कुमार पहले ही इस केस को राजनीति से प्रेरिरत करार दे चुके हैं। हालांकि इस बार उन्होंने कोर्ट के आदेश पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी।