सूत्रों के अनुसार छात्र बीरभूम के नलहाटी के नसीपुर गांव का रहने वाला था। तीन विषय की माध्यमिक परीक्षा देने के बाद वह बीमार पड़ गया। उसे बर्दवान के अन्नपूर्णा नर्सिंग होम में गुरुवार शाम भर्ती किया गया। जहां उसकी तबीयत बिगडऩे लगी। घरवाले हालत बिगड़ते देखकर बेहतर इलाज के लिए कोलकाता ले जाना चाहते थे। अस्पताल से एम्बुलेंस और एक डॉक्टर की मांग की। इसके लिए बतौर फीस 17 हजार रुपए मांगे गए। इसमें 8 हजार रुपए सिर्फ डॉक्टर की फीस थी। एम्बुलेंस से कोलकाता लाते समय रास्ते में अरिजीत की तबीयत बिगड़ गई। उसे सांस लेने में तकलीफ हो रही थी। यह सब देखकर भी एम्बुलेंस में बैठा डॉक्टर सरफराजुद्दीन शेख कुछ नहीं कर पा रहा था। घरवालों के दबाव में उसने अरिजीत को ऑक्सीजन मास्क लगाया था। एम्बुलेंस कोलकाता के निजी अस्पताल पहुंची। डाक्टरों ने जांच कर अरिजीत को मृत घोषित कर दिया। उन्होंने देखा कि अरिजीत को मास्क गलत लगाया गया था। आक्सीजन की नॉब ठीक से नहीं खुली थी। संदेह होने पर जादवपुर थाने को सूचना दी गई। पुलिस सरफराजुद्दीन को अपने साथ ले गई। पूछताछ करने पर भी वह चुप ही रहा। बाद में उसने बताया कि वह डॉक्टर नहीं है। वह एक एसी मेकानिक है। उसे गिरफ्तार कर लिया गया है।