स्वामीनाथन आयोग के सुझाव भी स्वीकार
कृषि मंत्री तोमर ने कहा कि 2016 में किसानों की आमदनी दोगुनी किए जाने के बाद एक एक अंतर-मंत्रालयी समिति का गठन किया गया था। कृषि मंत्री ने बताया कि स्वामीनाथन आयोग के 201 सुझावों में से 200 सुझावों को सरकार ने स्वीकार किया है, जिसमें किसानों को उनकी फसलों की लागत का डेढ़ गुना न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) देना भी शामिल है।
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तोमर ने कहा कि स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट में मुख्य रूप से लागत का डेढ़ गुना एमएसपी करना मुश्किल था लेकिन वह भी हो गया। उन्होंने कहा, “कई साल से रबी और खरीफ सीजन की 22 फसलों के लिए लागत का डेढ़ गुना एमएसपी की घोषणा की जा रही है। “
कृषि एवं बागवानी फसलों का उत्पादन बढ़ाने पर जोर
किसानों की आमदनी 2022 तक दोगुनी करने के मसले पर तोमर ने बताया कि सरकार ने इसके लिए एक रोडमैप तैयार किया है, जिसके तहत कृषि एवं बागवानी फसलों का उत्पादन बढ़ाने पर जो दिया जा रहा है। उन्होंने आंकड़े पेश करते हुए कहा कि बीते पांच साल के दौरान खाद्यान्नों और बागवानी फसलों के उत्पादन में वृद्धि दर्ज की गई है।
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मनरेगा के लिए 60,000 करोड़ का आवंटन
कृषि मंत्री ने कहा कि फसलों का उत्पादन बढ़ाने के साथ-साथ किसानों को उचित मूल्य दिलाने के लिए भी सरकार काम कर रही है। उन्होंने गन्ना किसानों की समस्याओं के समाधान के लिए सरकार द्वारा उठाए गए कदमों का भी जिक्र किया। तोमर ग्रामीण विकास और पंचायती राज्य मंत्री भी हैं। उन्होंने कहा कि मनरेगा के लिए केंद्र सरकार ने इस साल 2019-20 के बजट में 60,000 करोड़ रुपये का आवंटन किया है।