मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक यूपीए सरकार के दौरान मनमोहन सिंह कैबिनेट को ब्रिटिश नागरिक क्रिश्चियन मिशेल ने अपने इशारों पर नचाना चाहता था। ताकि वह वह एंगलो इटली कंपनी अगस्ता वेस्टलैंड से वीवीआईपी चॉपर डील को अपनी मंजूरी दे सकें। एक रिपोर्ट के मुताबिक सीबीआईको एक फैक्स संदेश मिला है जिसे कथित तौर पर अगस्ता वेस्टलैंड के उस समय के अंतरराष्ट्रीय व्यवसाय के उपाध्यक्ष रहे गियाकोमो सपोनारो ने जनवरी 2010 में भेजा था। उसमें मिशेल ने दावा किया था कि उसे तत्कालीन वित्त सचिव की मंशा का पता चल गया है जो रूस की लॉबी के प्रति सहानुभूति रखता है। मिशेल ने दावा किया था कि भारतीय वायुसेना को बेचे जाने 12 वीवीआईपी हेलिकॉप्टर्स में यूएस और रूस की कंपनियों को पीछे छोड़ने के लिए यूपीए की पूरी कैबिनेट को अपने समर्थन में करना होगा। सीबीआई को इटली से मिले इस फैक्स के मुताबिक, मिशेल को उस समय वित्त और रक्षा मंत्रालय में होने वाली फाइलों के मूवमेंट के बारे में पूरी जानकारी थी।
आपको बता दें कि इस मामले में दिल्ली की एक अदालत ने अगस्ता वेस्टलैंड वीवीआईपी हेलीकॉप्टर सौदा मामले में गिरफ्तार बिचौलिए क्रिश्चियन मिशेल की जमानत याचिका पर फैसला 22 दिसंबर के लिए सुरक्षित रख लिया और उसे 28 दिसंबर तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। हालांकि मिशेल के वकील ने अदालत को बताया था कि सीबीआई बेवजह उसे अपने कस्टडी में रखना चाहता है। अदालत मिशेल के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए जमानत दे। लेकिन सीबीआई ने जमानत देने का सख्त विरोध किया था।