आर्मी चीफ ने कहा है कि पाकिस्तान ( Pakistan ) भूलकर दोबारा कारगिल युद्ध जैसे कदम ना उठाए, नहीं तो इसका परिणाम बहुत गंभीर होगा। सेना प्रमुख बिपिन रावत ने कहा है, पाकिस्तान अपनी हरकतों से बाज नहीं आया तो उसे उसी की भाषा में करार जवाब भी दिया जाएगा।
इससे पहले भी आर्मी चीफ ने पाकिस्तान को चेतावनी दी थी और कहा था कि पाकिस्तान लगातार हमारी सीमा में आतंकी गतिविधियों को अंजाम दे रही है। समय रहते ये नहीं रुका तो हमारी सेना इसका मुंहतोड़ जवाब भी देगी।
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ऐसे पाकिस्तान को दी चेतावनी
आर्मी चीफ बिपिन रावत ने कहा कि “मुझे पूरा यकीन है कि विरोधी (पाकिस्तान) कभी भी इस तरह प्रयास नहीं करेंगे। यह (करगिल युद्ध) 1999 में पाकिस्तान की सेना की ओर से किया गया एक बड़ा दुस्साहस था … पाकिस्तान को मेरी चेतावनी भविष्य में कभी भी इस तरह के दुस्साहस का प्रयास नहीं करेगी।”
आर्मी चीफ बिपिन रावत ने कहा कि “मुझे पूरा यकीन है कि विरोधी (पाकिस्तान) कभी भी इस तरह प्रयास नहीं करेंगे। यह (करगिल युद्ध) 1999 में पाकिस्तान की सेना की ओर से किया गया एक बड़ा दुस्साहस था … पाकिस्तान को मेरी चेतावनी भविष्य में कभी भी इस तरह के दुस्साहस का प्रयास नहीं करेगी।”
अपनी सीमा की रक्षा करने में सक्षम
सेनाध्यक्ष बिपिन रावत ने कहा कि हम अपनी सीमा की रक्षा करने में सक्षम हैं। रावत ने कहा कि भविष्य में जो भी युद्ध होंगे वो ज्यादा विनाशकारी और सोच से परे हो सकते हैं।
सेनाध्यक्ष बिपिन रावत ने कहा कि हम अपनी सीमा की रक्षा करने में सक्षम हैं। रावत ने कहा कि भविष्य में जो भी युद्ध होंगे वो ज्यादा विनाशकारी और सोच से परे हो सकते हैं।
पुलवामा पर पाक के बयान से फर्क नहीं पड़ता
आर्मी चीफ जनरल बिपिन रावत ने पाकिस्तान के पीएम इमरान खान के पुलवामा पर दिए बयान को गलत करार दिया। उन्होंने कहा पुलवामा में जो हुआ उसका पुख्ता सबूत उनके पास है।
आर्मी चीफ जनरल बिपिन रावत ने पाकिस्तान के पीएम इमरान खान के पुलवामा पर दिए बयान को गलत करार दिया। उन्होंने कहा पुलवामा में जो हुआ उसका पुख्ता सबूत उनके पास है।
आर्मी चीफ जनरल ने कहा, पुलवामा जो हुआ उसके सबूत हमारी इंटेलीजेंस एजेंसियों ने हमें दिया हैं। हम सच्चाई से वाकिफ हैं। इसलिए हम किसी भी बयान के बहकावे में नहीं आएंगे।
60 दिनों तक चला करगिल युद्ध
भारत और पाकिस्तान के बीच करगिल का युद्ध पूरे 60 दिन तक चला। देशभर में 26 जुलाई को करगिल विजय दिवस मनाया जाता है। दो महीने तक चलने वाले इस युद्ध में भारत ने जीत हांसिल की, लेकिन इस लड़ाई में देश के कई वीर सपूत शहीद हो गए।
भारत और पाकिस्तान के बीच करगिल का युद्ध पूरे 60 दिन तक चला। देशभर में 26 जुलाई को करगिल विजय दिवस मनाया जाता है। दो महीने तक चलने वाले इस युद्ध में भारत ने जीत हांसिल की, लेकिन इस लड़ाई में देश के कई वीर सपूत शहीद हो गए।
ऐसे पड़ा विजय दिवस नाम
आपको बता दें कि भारत और पाकिस्तान के बीच हुआ करगिल युद्ध आधिकारिक रूप से 26 जुलाई 1999 को खत्म हुआ था। भारत ने इसे ऑपरेशन विजय नाम दिया था। यही वजह है कि युद्ध की समाप्ति पर इस जीत को करगिल विजय दिवस नाम दिया गया।
आपको बता दें कि भारत और पाकिस्तान के बीच हुआ करगिल युद्ध आधिकारिक रूप से 26 जुलाई 1999 को खत्म हुआ था। भारत ने इसे ऑपरेशन विजय नाम दिया था। यही वजह है कि युद्ध की समाप्ति पर इस जीत को करगिल विजय दिवस नाम दिया गया।
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करगिल युद्ध को 20 वर्ष बीत चुके हैं। बीस साल पहले की तरह अब करगिल में पाकिस्तानी घुसपैठ और युद्ध की आशंका बिल्कुल नहीं है।
करगिल युद्ध को 20 वर्ष बीत चुके हैं। बीस साल पहले की तरह अब करगिल में पाकिस्तानी घुसपैठ और युद्ध की आशंका बिल्कुल नहीं है।
पाकिस्तान जहां से देश की सीमा में घुसने की कोशिश करता था। उन जगहों को भी ढूंढ कर खत्म बंद किया जा चुका है। करगिल इलाकों में सेना की तैनाती भी तीन गुना बढ़ा दी गई है। पहले की तरह सर्दी के मौसम में किसी भी पोस्ट को खाली नहीं छोड़ा जाता।
LOC पर को बनाया मजबूत
भारत ने LOC पर खुद को और भी मजबूत बना लिया है। एलओसी पर कई हेलीपैड बनाए जा चुके हैं। सेना ने वहां आयुद्ध केंद्र बनाए हैं और वहां बड़े पैमाने पर युद्ध सामग्री रखी गई है। यहां पर सड़क और निगरानी केंद्र बनाए गए हैं।
भारत ने LOC पर खुद को और भी मजबूत बना लिया है। एलओसी पर कई हेलीपैड बनाए जा चुके हैं। सेना ने वहां आयुद्ध केंद्र बनाए हैं और वहां बड़े पैमाने पर युद्ध सामग्री रखी गई है। यहां पर सड़क और निगरानी केंद्र बनाए गए हैं।