1. सबसे पहले आसाराम के खिलाफ रेप का पहला केस सूरत आश्रम में रहने वाली शाहजहांपुर की दो सगी बहनों ने दर्ज कराया। दोनों ने आसाराम और उसके बेटे नारायण साईं के खिलाफ रेप का केस दर्ज करवाया। यह मामला अभी अहमदाबाद कोर्ट में चल रहा है। इनमें से एक बहन के पति पर 28 फरवरी, 2014 को जानलेवा हमला हुआ और मुश्किल से उनकी जान बची।
2. इस मामले में गवाह राकेश पटेल पर 10 मार्च, 2014 को कुछ बाइक सवार गुंडों ने घातक हमला किया। बाद में पता चला कि हमलावर आसाराम के भक्त थे। इस हमले में राकेश पटेल मरते-मरते बचे।
3. दो सप्ताह बाद इसी मामले में गवाह दिनेश भागचंदानी पर बाइक पर सवार होकर आए दो युवकों ने तेजाब फेंक दिया। लेकिन साहसी दिनेश भागचंदानी ने एक बदमाश को पकड़ लिया और पुलिस के हवाले कर दिया। जांच में पता चला कि बदमाश ने आसाराम के भक्त बासवराज बसु के कहने पर हमला किया था। आरोपी ने बताया कि सूरत मामले में गवाहों को वे चुन-चुनकर मारने का आदेश है। इस साजिश में उसके साथ आसाराम के 12 भक्त शामिल थे। जांच के दौरान पांच और हमलावर गिरफ्तार किए गए जो नारायण साईं के भक्त निकले।
4. आसाराम के निजी वैद्य अमृतभाई गुलाबचंद प्रजापति को अदालत में गवाही देने के कुछ दिन बाद उनके क्लीनिक में 2014 को मार दिया गया। इस हमले में प्रजापति की 17 दिन बाद मौत हो गई।
5. आसाराम और नारायण साईं ने इस मामले में मीडियाकर्मियों को भी नहीं बख्शा। पत्रकार नरेंद्र यादव पर शाहजहांपुर में 17 सितंबर, 2014 को चाकू से हमला कराया।
6. गवाह और आश्रम के कुक अखिल गुप्ता को मुजफ्फरनगर में बाइक सवार दो लोगों ने जनवरी, 2015 में गोली मारकर हत्या कर दी।
7. जोधपुर कोर्ट के बाहर राहुल सचान पर 13 फरवरी, 2015 को हमला हुआ। इसके बाद वो 25 नवंबर, 2015 को अचानक लापता हो गए और आज तक राहुल के बारे में किसी को कोई जानकारी नहीं है।
8. हरियाणा के पानीपत में महेंद्र चावला पर 13 मई, 2015 को दो लोगों ने गोली चला दी। इस हमले में चावला अपाहिज हो गए और उन्हें पुलिस सुरक्षा मिली है।
9. गवाह कृपाल सिंह की 10 जुलाई, 2015 को शाहजहांपुर में गोली मारकर हत्या कर दी गई।
10. गुजरात ATS को 15 मार्च, 2016 को उस वक्त बड़ी कामयाबी मिली जब इन सभी हमलों के मास्टरमाइंड कार्तिक हलदर को गिरफ्तार कर लिया गया। उसे छत्तीसगढ़ में गिरफ्तार किया गया। हलदार खुद को आसाराम का फिदायीन बताता था। उसने तीन गवाहों की हत्या की बात भी कुबूल की। उस पर चार अन्य गवाहों पर जानलेवा हमला करने का आरोप है। पूछताछ में उसने बताया कि आसाराम के भक्तों से चंदा करके 25 लाख रुपये इकट्ठा किए थे। वो सभी गवाहों को मारने के लिए एके 47 और बम खरीदने की तैयारी में भी था। उसने जोधपुर मामले में जांच अधिकारी चंचल मिश्रा को भी मारने का प्लान बनाया था।