न्यायमूर्ति एस. मुरलीधर और न्यायमूर्ति तलवंत सिंह की पीठ ने कहा कि वह सात दिसंबर को सुनवाई करेगी। पीठ ने हालांकि एकल न्यायाधीश के आदेश पर रोक लगाने के लिए कोई भी अंतरिम आदेश पारित करने से इनकार कर दिया।
फेसबुक के वकील और वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कोर्ट से अपील की कि अपील लंबित रहने तक रामदेव को इसके खिलाफ अवमानना कार्रवाई शुरू करने से रोका जाए। रामदेव के वकील ने अदालत को आश्वासन दिया कि वह तब तक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के खिलाफ कोई अवमानना कार्रवाई शुरू नहीं करेंगे जब तक कि डिवीजन बेंच इस मामले पर फैसला नहीं सुनाती।
पिछले हफ्ते दिल्ली हाई कोर्ट की एकल न्यायाधीश पीठ ने फेसबुक को योग गुरु रामदेव के खिलाफ मानहानि के आरोपों वाले वीडियो को वैश्विक रूप से हटाने, ब्लॉक करने या लिंक को खत्म करने का निर्देश दिया था।
दिल्ली हाईकोर्ट ने 29 सितंबर 2018 को ‘गॉडमैन टू टाइकून: द अनटोल्ड स्टोरी ऑफ बाबा रामदेव’ नामक पुस्तक के प्रकाशन और बिक्री पर रोक लगा दी थी। कोर्ट ने कहा था कि जब तक प्रकाशक रामदेव के खिलाफ लिखे गए कुछ मानहानि वाले हिस्से को हटा नहीं देते, तब तक इस पर रोक रहेगी।
अदालत ने पाया था कि फेसबुक, गूगल, यूट्यूब और ट्विटर पर अपलोड किए गए वीडियो के माध्यम से पुस्तक के मानहानि वाले अंश लोगों के साथ साझा किए जा रहे हैं।