नई दिल्ली। हजारों करोड़ रुपये के ऋण का भुगतान नहीं करने के मामलों में उलझे उद्योगपति विजय माल्या के देश छोडऩे पर रोक लगाने को लेकर 17 सरकारी बैंकों ने सुप्रीम कोर्ट में पिटीशन फाइल की थी। इस मामले में बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में सरकार के वकीलों ने बताया कि माल्या 2 मार्च को ही देश छोड़कर जा चुके हैं। अब तक मामले में माल्या को दो हफ्ते में जवाब देना होगा। अगली सुनवाई 30 मार्च को होगी।
बता दें कि डियाजियो से 515 करोड़ रुपए की डील के वक्त माल्या ने कहा था कि वे लंदन में बसना चाहते हैं। एक अंग्रेजी अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक, माल्या अपने स्टाफ के भी कॉन्टैक्ट में नहीं हैं। उनके स्पोक्सपर्सन ने कहा कि कुछ दिन पहले माल्या ईमेल से कॉन्टैक्ट कर रहे थे, लेकिन अब उनकी कोई जानकारी नहीं है। माल्या ने कुछ दिन पहले ही यूबी ग्रुप से रिटायरमेंट के बाद लंदन में सैटल होने की बात कही थी।
बैंकों को करनी है 7 हजार करोड़ की रिकवरी
बैंकों को माल्या से 7 हजार करोड़ रुपए का रिकवरी करनी है। सरकारी बैंकों की तरफ से मंगलवार को अटार्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने सुप्रीम कोर्ट में इस मामले पर तत्काल सुनवाई की अपील की थी। चीफ जस्टिस टीएस ठाकुर और जस्टिस यूयू ललित ने इस पर कहा था कि इस मामले को बुधवार को सुनवाई की जाएगी। माल्या ने ने एसबीआई सहित 17 बैंकों से अपनी कई कंपनियों के लिए लोन लिया है। उनका बकाया हजारों करोड़ रुपए का हो चुका है।
सोमवार को लगी थी दोहरी चपत
गौरतलब है कि उद्योगपति विजय माल्या को सोमवार को दोहरी चपत लगी। ऋण वसूली न्यायाधिकरण (डीआरटी) ने ब्रिटेन की कंपनी डियाजियो पीएलसी को आदेश दिया कि जब तक उसके सामने आए मामले में फैसला नहीं हो जाता है, तब तक कंपनी माल्या को 7.5 करोड़ रुपये का भुगतान न करें। वहीं प्रवर्तन निदेशालय ने माल्या के विरुद्ध काले धन की हेरा-फेरी का एक मामला दर्ज कर लिया। भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के एक वकील ने बेंगलूरु में संवाददाताओं से कहा, न्यायाधिकरण के अध्यक्ष (आर. बेंकनहल्ली) ने पद छोड़े जाने के लिए पेश की गई राशि तात्कालिक रूप से जब्त करने का आदेश दिया और डियाजियो को आदेश दिया कि जब तक न्यायाधिकरण मामले की पूरी सुनवाई कर उसका निपटारा न कर दे, तब तक राशि का भुगतान न किया जाए।
माल्या के साथ ब्रिटेन की कंपनी डियाजियो तथा उसकी भारतीय सहायक इकाई युनाइटेड स्पिरिट्स लिमिटेड ने पिछले दिनों एक सौदे पर हस्ताक्षर किए थे, जिसके तहत युनाइटेड स्पिरिट्स छोडऩे के लिए उन्हें कुल 7.5 करोड़ डॉलर की पेशक
श की गई है। एक अन्य एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सोमवार को ही माल्या के विरुद्ध कालेधन की हेरा-फेरी का एक मामला दर्ज किया।
आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, ईडी के सहायक निदेशक ए.के. रावल ने नई दिल्ली में कहा, हमने सोमवार को माल्या के विरुद्ध एक मामला दर्ज किया है। यह मामला 2015 में उनके विरुद्ध केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) और अन्यों द्वारा दर्ज मामले पर आधारित है। रावल ने कहा कि माल्या और कारोबार समेट चुकी कंपनी किंगफिशर एयरलाइंस के वरिष्ठ अधिकारियों के विरुद्ध कालेधन की हेरा-फेरी निवारण अधिनियम की धारा 3 और 4 के तहत मामला दर्ज किया गया है।
यह मामला 7,200 करोड़ रुपए ऋण के अंकेक्षण के बाद दर्ज किया गया है। यह ऋण भारतीय स्टेट बैंक के नेतृत्व में 11 बैंकों के एक कंशोर्टियम ने किंगफिशर एयरलाइंस को दिया था, जिसे चुका पाने में कंपनी नाकाम रही। कंपनी पर आरोप
है कि उसने मॉरीशस और कैमन आइलैंड्स जैसे अंतर्राष्ट्रीय करमुक्त क्षेत्रों में करीब 4,000 करोड़ रुपए की राशि प्रवाहित कर दी। इस मामले की जांच सीबीआई कर रही है।
एक अधिकारी ने मुंबई में आईएएनएस से कहा कि ईडी माल्या के दूसरे कारोबारों की भी जांच कर रही है। उल्लेखनीय है कि माल्या ने हाल में ही इंगलैंड में अपना भावी जीवन बिताने की योजना की घोषणा की थी। माल्या ने पिछले महीने युनाइटेड स्पिरिट्स का अध्यक्ष पद छोड़ा है। यह एक शराब कंपनी है, जिसकी स्थापना माल्या के परिवार ने की थी और जिसका डियाजियो ने अधिग्रहण कर लिया है।
Home / Miscellenous India / सरकार ने SC से कहा, दो मार्च को ही देश छोड़कर चले गए माल्या