सरकार को राहत, दारूल उलूम संस्था ने किया योग का समर्थन
दारूल उलूम ने कि योग
को किसी धर्म से जोड़कर देखना गलत है, इसके खिलाफ कोई फतवा जारी नहीं किया जाएगा,
यह एक व्यायाम है
2500 teachers will teach yoga in school
नई दिल्ली। योग को लेकर आलोचनाओं से घिरी मोदी सरकार के लिए एक राहत भरी खबर है। अब मुस्लिमों की बड़ी संस्था दारूल उलूम ने सरकार को समर्थन मिला है। संस्था का कहना है कि योग को किसी धर्म से जोड़कर देखना गलत है। इसके खिलाफ कोई फतवा जारी नहीं किया जाएगा, यह एक व्यायाम है।
इससे पहले ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने योग को धर्म से जोड़े जाने का विरोध किया था और मुसलमानों को इसमें भाग लेने से मना किया था। दारूल उलूम के प्रवक्ता ने कहा कि अगर योग को एक व्यायाम के तौर पर किया जाए तो हमें कोई दिक्कत नहीं है। हालांकि उन्होंने सूर्य नमस्कार को समर्थन देने की बात को नकार दिया। उन्होंने कहा कि इस्लाम में सिर्फ अल्लाह की इबादत करने की बात कही गई है। इसलिए सूर्य नमस्कार का समर्थन और इबादत हम नहीं कर सकते हैं।
21 दिवस को सरकार के योग दिवस मनाने पर उन्होंने कहा कि किसी के साथ कोई जोर जबरदस्ती नहीं होनी चाहिए। अगर किसी को योग करने में कोई दिक्कत नहीं है तो वो करे, लेकिन योग किसी पर जबरदस्ती नहीं थोपा जाना चाहिए।
वहीं मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के खालिद रशीद फिरंगीमहली ने कहा कि मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने 21 दिवस पर हो रहे योग दिवस का विरोध नहीं किया है, अगर योग से किसी तरह के धार्मिक क्रियाकलापों को नहीं जोड़ा जाता है या कोई मंत्र उच्चारण और सूर्य नमस्कार नहीं होता है और सिर्फ वर्जिश के तौर पर किया जाता है तो कोई इसका विरोध नहीं करेगा। वहीं बुधवार को द्वारका पीठ के शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती ने योग कार्यक्रम से सूर्य नमस्कार को हटाने का विरोध किया था और कहा था कि मुस्लिमों के वीटो के इसे कारण हटाया गया है।
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