ब्रिगेडियर ने अपराध स्वीकारा
इतनी सख्त सजा के पीछे आर्मी के नियम हैं। दरअसल सेना में अधिकारी की पत्नी के साथ संबंध रखना गंभीर अपराध माना जाता है। इस तरह के केस में पांच साल की कड़ी सजा तक का प्रवाधान है। दोषी को पांच साल की सजा नहीं देकर रियायत इसलिए दी गई क्योंकि उसने अपना अपराध स्वीकार कर लिया था। सेना में यह शिकायत खुद ब्रिगेडियर की पत्नी ने अपना परिवार बचाने के लिए की थी।
इतनी सख्त सजा के पीछे आर्मी के नियम हैं। दरअसल सेना में अधिकारी की पत्नी के साथ संबंध रखना गंभीर अपराध माना जाता है। इस तरह के केस में पांच साल की कड़ी सजा तक का प्रवाधान है। दोषी को पांच साल की सजा नहीं देकर रियायत इसलिए दी गई क्योंकि उसने अपना अपराध स्वीकार कर लिया था। सेना में यह शिकायत खुद ब्रिगेडियर की पत्नी ने अपना परिवार बचाने के लिए की थी।
जूनियर अधिकारी की पत्नी से थे संबंध
दिल्ली-एनसीआर के एक प्रसिद्ध स्कूल की प्राध्यापिका उसकी पत्नी ने ब्रिगेडियर पर व्यभिचार के आरोप लगाए थे। ब्रिगेडियर से जूनियर अधिकारी कर्नल ने भी कोर्ट मार्शल की इस कार्यवाही के दौरान ब्रिगेडियर पर आरोप लगाए थे। ब्रिगेडियर की पत्नी ने इस कार्यवाही में दोनों के बीच व्हाट्सएप मैसेज को सबूत के तौर पर पेश किया। शुरूआत में तो ब्रिगेडियर ने इन आरोपों को साजिश बताकर खारिज कर दिया था लेकिन सबूत सामने आए तो उन्होंने अपना गुनाह कबूल कर लिया। ब्रिगेडियर और और कर्नल, दोनों ही देहरादून के निवासी हैं, इसकारण मथुरा की 1 स्ट्राइक कोर में तैनात कर्नल ने, देहरादून की सिविल अदालत में भी ब्रिगेडियर के खिलाफ व्यभिचार का केस लगाया था। पिछले कुछ सालों में सेना में कई व्याभिचार के मामले सामने आए हैं। एक फाइटर पायलट पर एक सीनियर अफसर की पत्नी के साथ संबंध का आरोप लगा था। वहीं मुंबई में नेवी के दो कमांडर रैंक के अधिकारियों को ऐसे व्याभियाचार के मामलों में बर्खास्त कर दिया गया था।
दिल्ली-एनसीआर के एक प्रसिद्ध स्कूल की प्राध्यापिका उसकी पत्नी ने ब्रिगेडियर पर व्यभिचार के आरोप लगाए थे। ब्रिगेडियर से जूनियर अधिकारी कर्नल ने भी कोर्ट मार्शल की इस कार्यवाही के दौरान ब्रिगेडियर पर आरोप लगाए थे। ब्रिगेडियर की पत्नी ने इस कार्यवाही में दोनों के बीच व्हाट्सएप मैसेज को सबूत के तौर पर पेश किया। शुरूआत में तो ब्रिगेडियर ने इन आरोपों को साजिश बताकर खारिज कर दिया था लेकिन सबूत सामने आए तो उन्होंने अपना गुनाह कबूल कर लिया। ब्रिगेडियर और और कर्नल, दोनों ही देहरादून के निवासी हैं, इसकारण मथुरा की 1 स्ट्राइक कोर में तैनात कर्नल ने, देहरादून की सिविल अदालत में भी ब्रिगेडियर के खिलाफ व्यभिचार का केस लगाया था। पिछले कुछ सालों में सेना में कई व्याभिचार के मामले सामने आए हैं। एक फाइटर पायलट पर एक सीनियर अफसर की पत्नी के साथ संबंध का आरोप लगा था। वहीं मुंबई में नेवी के दो कमांडर रैंक के अधिकारियों को ऐसे व्याभियाचार के मामलों में बर्खास्त कर दिया गया था।