नई दिल्ली। मिशन चंद्रयान 2 पर अब तक सबकी निगाहें टिकी हैं। सबके मन में एक ही सवाल है कि आखिर ISRO विक्रम लैंडर से संपर्क करने में कामयाब हो पाएगा या नही? पिछले 6 दिनों से इसरो लगातार विक्रम लैंडर से संपर्क स्थापित करने की कोशिश में लगा है।
इतना ही नहीं विक्रम को ढूंढने में अब नासा भी इसरो की मदद कर रहा है। इसरो ने विक्रम को ‘हैलो’ मैसेज भी भेजा है। लेकिन, अब तक इस पर कोई जवाब नहीं आया है। विक्रम लैंडर को लेकर कई तरह की जानकारियां भी सामने आ रही हैं। इस बीच खबर यह आ रही है कि जिस जगह विक्रम लैंडर लैंड हुआ उससे 1134.574 की दूरी पर चीन का लैंडर स्थापित है। वहीं, 1970 किमोटीर की दूरी पर यूएस का झंडा भी मौजूद है।
चीन ने ‘Chang’e 4 probe’ उतारा था चीन ने तीन जनवरी, 2019 को चांद की धरती पर ‘Chang’e 4 probe’ उतारा था। चीन के इस लैंडर का मॉडल भारत के विक्रम लैंडर से काफी मिलता-जुलता था। चीन ने भी चांद के उस हिस्से पर ‘Chang’e 4 probe’ को लैंड करया था, जिस पर आज तक कोई नहीं उतरा था। लेकिन, जहां यह लैंड हुआ है उससे विक्रम लैंडर की दूरी 1134.574 किलोमीटर है। मई 2018 में चीन ने Queqiao के नाम से एक रिले सेटेलाइट लॉन्च की थी। यही सेटेलाइट Chang’e 4 के संपर्क में है और इससे मिली जानकारी पृथ्वी पर भेज रही है।
पढ़ें- चंद्रयान-2: लैंडर विक्रम से संपर्क के लिए इसलिए जुटा नासा, दूसरे देशों को होंगे ये पांच फायदे चांद की धरती पर उतरे नील आर्मस्ट्रांग ने यहीं पर अमेरिका का झंडा लगाया था। जिस जगह पर भारत का विक्रम लैंडर चांद की सतह पर उतरा है उससे इसकी दूरी 1970 किमी है। फिलहाल, विक्रम लैंडर से संपर्क स्थापित करने की कोशिश जारी है। अगर इसरो दोबारा विक्रम से संपर्क स्थापित कर लेता है तो यह भारत के लिए बड़ी कामयाबी होगी और दुनिया का पहला ऐसा देश बन जाएगा जो साउथ पोल पर पहुंचेगा।
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