‘Trafficking in Persons Report 2019’ में बड़ा खुलासा दरअसल, अमरीकी विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को ‘ट्रैफिकिंग इन पर्सन 2019’ ( Trafficking in Persons Report 2019 ) रिपोर्ट जारी किया है। रिपोर्ट में कहा गय है कि माओवादी समूहों ने सरकारी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए 14 वर्ष से कम उम्र के किशोरों की भर्ती की। इनमें सबसे ज्यादा झारखंड और छत्तीसगढ़ में भर्ती की गई। रिपोर्ट के अनुसार, आतंकी संगठनों ने इन किशोरों का कभी-कभी मानव ढाल के तौर पर भी इस्तेमाल किया।
14 साल से कम उम्र के बच्चों का हो रहा इस्तेमाल रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत ने साल 2019 में मानव तस्करी को खत्म करने के लिए काफी प्रयास किए, लेकिन यह लक्ष्य न्यूनतम मानक को भी पूरा नहीं कर सका। आलम ये है कि जम्मू-कश्मीर में माओवादी संगठन सीधे तौर पर सरकार विरोधी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए इन बच्चों की भर्ती करते रहे और उनका इस्तेमाल करते रहे। इतना ही नहीं रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि माओवादी संगठन से जुड़ी कुछ महिलाओं और लड़कियों का कहना है कि शिविरों में यौन हिंसा भी होती थी।
महिलाओं के साथ यौन शोषण नक्सली ( Naxalite ) समूहों ने महिलाओं और बच्चों को व्यवस्थित तरीके से भर्ती की और उनकी इस्तेमाल किया। इसके अलावा ट्रैफिकर्स भारत के अंदर लाखों लोगों का शोषण कर रहे हैं। भारतीय महिलाओं और लड़कियों के साथ फर्जी तरीके से नेपाली और बांग्लादेशी महिलाओं और लड़कियों को भी यौन शोषण के लिए भारत लाया जाता है। इसके अलावा, तस्कर मध्य एशियाई, यूरोपीय और अफ्रीकी देशों की महिलाओं और लड़कियों को भी अपना शिकार बनाते हैं और भर्ती करके उनका यौन शोषण करते हैं, खासकर गोवा में यह सबसे ज्यादा होता है। रिपोर्ट में कहा गया है कि बाल यौन शोषणा का भारत सबसे बड़ा स्रोत है।