एनसीआर में 1 से 10 नवंबर तक कंस्ट्रक्शन पर रोक, प्रदूषण फैलाने वालों पर दर्ज होगा आपराधिक केस
नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में एक बार फिर से प्रदूषण स्तर बढ़ा है। बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए केंद्र सरकार सख्त हो गई है। केंद्र सरकार ने प्रदूषण पर लगाम लगाने के लिए दिए गए निर्देशों का पालन न कराने वाली सरकारी एजेंसियों और वातावरण को दूषित करने वालों पर आपराधिक केस दर्ज करने का निर्णय लिया है। केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय ने दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण रोकने के उपाय करने के लिए बनाई गई टीमों की बैठक के बाद यह फैसला लिया।
बैठक में बढ़ते प्रदूषण पर चिंता व्यक्त की गई। पर्यावरण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने कहा है कि हालात ठीक नहीं हैं। सभी संबद्ध एजेंसियों को गंभीरता से कार्य करना होगा। साथ ही उन्होंने कहा कि अब 41 की बजाय केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) की 50 टीमें हर शहर पर नजर रखेंगी और नियमों का पालन न कराने वाली एजेंसी के खिलाफ भी आपराधिक केस दर्ज करेंगी।
पेट्रोल-डीजल की कीमतों में एक बार फिर मिली राहत, रविवार को 40 पैसे प्रति लीटर तक कम हुए दाम डॉ. हर्षवर्धन ने जानकारी दी कि टीम कभी भी औचक दौरा कर सकती है। प्रदूषण की स्थिति दिखने पर पहले रेड वॉर्निंग जारी की जाएगी और अगले दो दिन तक कोई कार्रवाई न होने पर पर्यावरण संरक्षण कानून के तहत आपराधिक केस दर्ज कराया जाएगा। मामला सीपीसीबी और राज्यों के प्रदूषण नियंत्रण विभागों में से कोई भी दर्ज करा सकता है। हवा में घुलते जहर का स्तर कम होने पर वॉर्निग की अवधि बढ़ाई भी जा सकती है।
साथ ही उन्होंने कहा कि पिछले सालों के मुकाबले वायु गुणवत्ता की दृष्टि से अच्छे दिनों की संख्या बढ़ी है और खराब दिनों की संख्या में कमी आई है। मैं इससे संतुष्ट नहीं हूं। सरकारी एजेंसियों के साथ समाज व जनता के सहयोग से हमलोग 100 फीसदी सफल होना चाहते हैं।
1 से 10 नवंबर तक कंस्ट्रक्शन पर रोक पर्यावरण प्रदूषण नियंत्रण प्राधिकरण (ईपीसीए) ने समय से पहले ही कई जरूरी कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। ईपीसीए ने पांच दिन पहले नोटिफिकेशन जारी किया है, ताकि एजेंसियां तैयार रहें। ईपीसीए के चैयरमेन भूरे लाल ने बताया कि दिल्ली को इस बार धुंध-धुएं (स्मॉग) से मुक्त रखना है। 1 से 10 नवंबर के बीच दिल्ली के मौसम में हो रहे बदलाव, पराली जलने और दिवाली के कारण से प्रदूषण और स्मॉग की आशंका व्यक्त की गई है। 1 से 10 नवंबर तक दिल्ली-एनसीआर में सभी निर्माण (कंस्ट्रक्शन) गतिविधि पर रोक रहेगी।
बता दें कि इसमें ऐसे काम शामिल नहीं हैं, जिनमें निर्माण सामग्री का उपयोग नहीं होता है। 1 से 10 नवंबर तक दिल्ली-एनसीआर में चलने वाले सभी हॉट मिक्स प्लांट और स्टोन क्रशर प्लांट बंद रहेंगे। हालांकि दिल्ली में ऐसा संयंत्र नहीं है लेकिन एनसीआर में इनकी संख्या काफी है। इसके अलावा 4 से 10 नवंबर के बीच कोयला और बायोगैस से चलने वाले सभी उद्योग दिल्ली-एनसीआर में बंद रहेंगे। इस दौरान प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों के खिलाफ सख्त अभियान चलेगा।
दिल्ली-एनसीआर के औद्योगिक क्षेत्रों पर नजर रखी जाएगी। वहीं, 1 से 10 नवंबर तक दिल्ली-एनसीआर की विद्युत कंपनियों को 24 घंटे बिजली मुहैया करवाने को कहा गया है, ताकि एनसीआर में लोगों को डीजल जेनसेट का इस्तेमाल न करना पड़े। दिल्ली में 15 अक्टूबर से ही इन पर रोक लगा दी गई है।
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