कोरोनावायरसः मरकज़ तबलीगी जमात मुख्यालय गए छह COVID-19 पॉजिटिव की मौत, मचा हड़कंप दिल्ली पुलिस के उच्च पदस्थ सूत्रों के मुताबिक, “जमात मुख्यालय में अंदर मौजूद लोगों को सोशल डिस्टेंसिंग के तहत दूर दूर रखा गया है। जमात मुख्यालय के बाहर टेंट-तंबुओं में भी आइसोलेशन वार्ड्स स्थापित कर दिए गए हैं, ताकि यहां हर आने वाले को पहले कुछ दिन आइसोलेशन वार्ड में रखा जाए।”
दिल्ली पुलिस के एक आला-अफसर ने कहा, “कहने देखने को तबलीगी जमात मरकज में 5000 से भी ज्यादा लोग एक साथ मौजूद रह सकते हैं। लॉकडाउन की घोषणा होने से चंद रोज पहले तक यहां देसी-विदेशी मेहमानों की संख्या हजारों में थी भी।”
मरकज के प्रवक्ता डॉ. मोहम्मद शुएब अली ने कहा, “हां, यह जानकारी बिलकुल दुरुस्त है। 18 मार्च को जब पहली मर्तबा हिंदुस्तान के प्रधानमंत्री मोदी जी ने लॉकडाउन की घोषणा की तो हमारे हेडक्वॉर्टर में 5000 से ज्यादा लोगों की भीड़ मौजूद थी।”
तबलीगी जमात मरकज के प्रवक्ता ने कहा, “बजरिए पीएम लॉकडाउन की पहली घोषणा के बाद ही लोगों ने यहां से रुखसती लेना शुरू कर दिया था। यह सब एहतियातन सबके हित में था। लॉकडाउन डिक्लेयर होते ही जमात हेडक्वॉर्टर इंतजामियों ने सबसे पहले हिंदुस्तानियों को अपने-अपने शहरों में तुरंत वापस जाने की दरखास की थी। उसके बाद जमात हेडक्वॉर्टर ने हिंदुस्तान में मौजूद तमाम संबंधित दूतावासों से निजी तौर पर संपर्क साधना शुरू कर दिया।”
मरकज प्रवक्ता ने आगे कहा, “तबलीगी हेडक्वॉर्टर इंतजामियों ने निजी तौर पर इसलिए दूतावासों से संपर्क साधा ताकि किसी गफलत-गलतफहमी के चलते लोगों में कोई अफवाह न फैल जाए। साथ ही उम्मीद थी कि विदेशियों की मदद के लिए अगर सीधे हमारा मरकज हेडक्वॉर्टर संबंधित तमाम देशों के दूतावासों से खुद अपने लोगों को हिंदुस्तान से हमवतन वापसी का इंतजाम कर देगा, तो वक्त कम लगेगा।”
दिल्ली पुलिस सूत्रों के मुताबिक, “लॉकडाउन की पहली खबर प्रसारित होते ही निजामुद्दीन थाने के एसएचओ व अन्य पुलिसकर्मी भी मरजक हेडक्वॉर्टर के कर्ता-धर्ताओं को सतर्क कर आए थे। साथ ही पुलिस ने उन्हें मशविरा भी दिया था कि, हालात नाजुक होने से पहले ही तबलीगी जमात मुख्यालय को भीड़ से खाली करा लिया जाए।”
इन तथ्यों की पुष्टि तबलीगी प्रवक्ता ने भी की। उनके मुताबिक, “जहां तक मुझे याद आ रहा है एसएचओ निजमाउद्दीन ने 21 मार्च को यह सब हिदायतें हम सबको यहां आकर दी थीं। जिन पर हम लोगों ने उसी वक्त अमल फरमाना शुरू कर दिया।”
प्रवक्ता ने कहा, “दिन रात की इन तमाम कोशिशों के बाद भी 22 मार्च, 2020 को करीब 2000 से ज्यादा लोग जमात हेडक्वार्टर में बाकी बचे थे।” जानकारी के मुताबिक दिल्ली के निजामुद्दीन इलाके में मौजूद मरकज तबलीगी जमात हेडक्वार्टर 9 मंजिला है। इसमें एक वक्त में 10 हजार से ज्यादा लोगों की मौजूदगी संभव हो सकती है। पता चला है कि इस वक्त भी करीब 1600 लोग इस इमारत के भीतर मौजूद हैं। इन सभी को फिलहाल जो भी सबसे बेहतर इंतजाम मुनासिब था, उसी हिसाब से आइसोलेट करके रखा गया है।
इन 1600 लोगों में से अधिकांश हिंदुस्तानी हैं। बाकी दो या ढाई सौ लोग विदेशी मेहमान हैं। इनमें से मरकज मुख्यालय के अनुरोध पर 20-25 अपने लोगों को सऊदी दूतावास ने इंतजाम करके सुरक्षित जगहों पर ले जाकर खुद ही आइसोलेशन वार्ड में रखने का इंतजाम कर लिया है। बाकी यहां बचे विदेशियों में सर्वाधिक संख्या थाईलैंड, इंडोनेशिया, किर्गिस्तान, मलेशिया के मूल निवासियों की बताई जाती है।
सूत्रों के मुताबिक, “इस वक्त यहां मौजूद विदेशियों में सबसे ज्यादा 200 के करीब लोग सिर्फ इंडोनेशिया के ही हो सकते हैं। इसी तरह करीब 30 लोग थाईलैंड के और 10-15 के बीच किर्गिस्तान के हैं। इसके अलावा कई अन्य देशों के लोगों के भी यहां लॉकडाउन के दौरान फंस जाने के चलते मौजूद होने की उम्मीद से इनकार नहीं किया जा सकता है।”
गौरतलब है कि यहां से बीते दो दिनों में (शनिवार और रविवार) को करीब 200 लोगों को राजधानी के विभिन्न अस्पतालों में एहतियातन दाखिल करा दिया गया है। इनमें से ज्यादातर लोग 60 साल से ज्यादा की उम्र के हैं। इन 200 में से जिन कुछ लोगों को दिल्ली के लोक नायक जयप्रकाश नारायाण (एलएनजेपी) अस्पताल में दाखिल कराया गया, उनमें से पता चला है कि छह की रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आई है।
हालांकि मरकज प्रवक्ता ने कहा, “संबंधित अस्पताल ने हमें अभी तक ऐसी कोई रिपोर्ट नहीं सौंपी है।”