बता दें कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ( nitish kumar ) ने विधानसभा में इसकी घोषणा करते हुए कहा था कि एक साल से बंद पड़े पाटलिपुत्र होटल ( Pataliputra Hotel ) को आइसोलेशन सुविधा के तौर पर तैयार किया जाएगा। जिस व्यक्ति में कोरोना के लक्षण पाए जाएंगे, उनको वहां भर्ती कर इलाज किया जाएगा।
नीतीश कुमार के इस निर्देश के बाद स्वास्थ्य विभाग और पर्यटन विभाग के अधिकारी और कर्मचारी बंद पड़े पाटलिपुत्र होटल में साफ-सफाई का काम शुरू करवा दिया है। सूत्रों के मुताबिक, इस होटल में कुल 48 कमरे हैं, जिन्हें आइसोलेशन वार्ड ( Isolation ward ) के तौर पर तैयार किया जा रहा है। कमरों के अलावा यहां पर कई बैंक्वेट हॉल भी हैं, जिन्हें आइसोलेशन वार्ड के तौर पर तैयार किया जा रहा है।
स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने बताया, ‘इस होटल को क्वारेंटाइन सेंटर के रूप में विकसित किया जाएगा। इसी तरह गया में भी एक भवन में सेंटर बनाया जाएगा।’ उन्होंने कहा, ‘कोरोना से अति प्रभावित सात देशों चीन, इटली, कोरिया, फ्रांस, जर्मनी, स्पेन और ईरान से आने वाले सभी यात्रियों की तीन श्रेणियां बनाने का निर्णय लिया गया है।
इसमें कोरोना के गंभीर लक्षण पाए जाने वालों को तत्काल मेडिकल कॉलेज अस्पताल के आइसोलेशन वॉर्ड में भेजा जाएगा। जबकि दूसरे में कोरोना के लक्षण हों, लेकिन गंभीर नहीं हों, उन्हें क्वारेंटाइन सेंटर में रखा जाएगा। सामान्य से कम लक्षण पाए जाने वाले यात्रियों को होम आइसोलेशन में रखा जाएगा।
बता दें कि बिहार में अब तक 57 कोरोना संदिग्धों की जांच कराई गई है, लेकिन अब तक एक भी पॉजिटिव केस नहीं मिला है। बिहार स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक, 25 जनवरी से अब तक कोरोना से पीड़ित देशों से लौटे कुल 274 यात्रियों को सर्विलांस (निगरानी) पर रखा गया, जिसमें से 86 लोगों ने 14 दिनों के निगरानी पूरी कर ली है। इसके अलावा गया और पटना हवाईअड्डे पर अब तक 19,216 यात्रियों की स्क्रीनिंग की गई है।