दोनों देशों में कई मुद्दों पर बनी सहमति
रक्षा मंत्रालय ने जानकारी दी कि इस मुलाकात में दोनों देशों ने रक्षा सहयोग पर सहमति जताई। इसके तहत मिलिट्री ट्रेनिंग और रक्षा सौदों के उत्पादन में एक-दूसरे का सहयोग करने पर सहमति बनी और इसे जल्द से जल्द ही अमल किया जाएगा। इसके अलावा इस मुलाकात में द्विपक्षीय रक्षा सहयोग की समीक्षा की गई और द्विपक्षीय आदान-प्रदान को और बढ़ाने के उपायों पर विचार-विमर्श किया गया।
17 अक्टूबर को जाएंगे बेंगलूरु
बता दें कि अमीरात के रक्षा राज्य मंत्री 17 अक्टूबर को बेंगलूरु जाकर हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स, भारत इलेक्ट्रॉनिक्स और एयरक्राफ्ट एंड सिस्टम टेस्टिंग इस्टैबलिसमेंट (एएसटीई) का दौरा करेंगे।
प्रधानमंत्री के दौरे से बना था माहौल
बता दें कि 12 जुलाई को अबू धाबी के दौरे में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अमीरात के नेतृत्व के साथ उच्चस्तरीय वार्ता की थी। इस वार्ता में ही इसकी पृष्ठभूमि बन गई थी। प्रधानमंत्री से मुलाकात के बाद सामरिक सुरक्षा वार्ता शुरू करने पर सहमति बनी थी। इसके अलावा दोनों पक्षों के बीच आतंकवाद के खिलाफ आपसी सहयोग को बढ़ाने और आतंकवादी संगठनों के पास पहुंच रही फंड को रोकने के लिए रणनीतिक रूप से आपसी सहयोग पर भी सहमति बनी थी।
इस वजह से बनी सहयोग की रणनीति
भारत और पाकिस्तान के आतंकवादी अक्सर संयुक्त अरब अमीरात को ठिकाना बनाते हैं। इन पर नजर रखने और उन्हें हिरासत में लेकर भारत को सौंपने में अमीरात के अधिकारी पहले से भारत का सहयोग करते रहे हैं। इसी सुरक्षा सहयोग को बढ़ाने के लिए प्रधानमंत्री के दौरे के दौरान राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों और राष्ट्रीय सुरक्षा परिषदों के बीच आपसी वार्ता शुरू करने पर सहमति बनी थी। यही वजह है कि संयुक्त अरब अमीरात के रक्षा राज्य मंत्री के भारत दौरे के दौरान कई मुद्दों पर बनी सहमति को काफी अहमियत दी जा रही है।