यही वजह है कि रक्षा मंत्रालय ने लोकल वेंडर्स के साथ किए गए सभी तरह के पूंजी अधिग्रहण कॉन्ट्रैक्ट को चार महीने के लिए बढ़ा दिया है।
पाकिस्तान के बाद अब नेपाल ने भी की हिमाकत, भारतीय सीमा में की ताबड़तोड़ फायरिंग, एक की मौत दरअसल भारत में कई ऐसे लोकल वेंडर्स हैं, जो आर्मी के लिए तमाम उपकरणों जैसे बुलेटप्रूफ जैकेट, हेलमेट, सुरक्षा किट से संबंधित सामान, गोला-बारूद और हथियार से जुड़े छोटे-छोटे पार्ट्स तक का निर्माण करते हैं। ऐसे में रक्षा मंत्रालय ने फैसले ने उन सभी रक्षा उद्योगों को बड़ी राहत दी है।
रक्षा मंत्रालय करता है अनुबंध
घरेलु वेंडरों के साथ रक्षा मंत्रालय एक अनुबंध करता है। इस अनुबंध के तहत इन सभी वेंडरों को एक निश्चित समय में सामानों की सप्लाई करना होती है। लेकिन पिछले दो से तीन महीने देशभर में लगे लॉकडाउन की वजह से इन उद्योगिक ईकाइयों पर भी सीधा प्रभाव पड़ा है।
नतीजा हाल में रक्षा मंत्रालय के साथ किए गए कई अनुबंध पर काम आगे नहीं बढ़ा है। ऐसे में अनुबंध के चलते घरेलू कंपनियों की चिंता काफी बढ़ गई थी, लेकिन रक्षा मंत्रालय का ताजा फैसले भी चार महीने की अतिरिक्त रियायत ने इन सभी उद्योगों को सुकून पहुंचाया है।
रक्षा मंत्री ने जारी किया आदेश
घरेलू कंपनियों की रियायत बढ़ाने वाला आदेश खुद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने जारी किया है। इस आदेश में लिखा है कि 25 मार्च 2020 से 24 जुलाई 2020 के बीच के चार महीने पर फॉर्स माश्युर लागू किया जाता है।
हालांकि इसमें ये निर्देश भी शामिल हैं कि अगर किसी का कोई सामान डैमेज पाया जाता है तो उस पर फॉर्स माश्युर लागू नहीं होगा। ऐसी कंपनियों को जिनके सामान में को दिक्कत उन्हें सरकार की ओर से किसी भी तरह की कोई रियायत या राहत नहीं दी जाएगी।
तेजी से बदल रही है मौसम चाल, कई राज्यों में अगले कुछ घंटों में होगी जोरदार बारिश, जानें कहां पहुंचा है मानसून विदेशी कंपनियां कर सकती हैं संपर्क रक्षा मंत्रालय ने कहा कि विदेशी आपूर्तिकर्ता के मामले में कंपनियां रक्षा मंत्रालय से संपर्क कर सकती हैं। उनके बारे में संबंधित देश के हालातों की समीक्षा करने के बाद अलग-अलग विचार किया जाएगा।