परिवहन मंत्री बोले, ‘निकालो समाधान’ दिल्ली में मेट्रोकर्मियों की संभावित हड़ताल को देखते हुए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट कर कहा था, ‘मेट्रोकर्मियों की सभी उचित मांगें पूरी की जानी चाहिए, हड़ताल से लाखों लोगों को असुविधा होगी। हड़ताल नहीं होनी चाहिए। मैं कर्मचारियों से अनुरोध करता हूं कि वे हड़ताल न करें।’ वहीं उपमुख्यमंत्री मनीष सिसौदिया ने ट्वीट कर संभावित हड़ताल को देखते हर जरूरी इंतजाम करने की बात कही थी। वहीं परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने डीएमआरसी के मैनेजिंग डायरेक्टर को निर्देश दिया है कि नॉन-एग्जिक्यूटिव कर्मचारियों के मांगों का तुरंत समाधान निकाला जाए।
…इसलिए नाराज हैं कर्मचारी – कर्मचारियों की मांगों में वेतन और पे ग्रेड में संशोधन, एरियर का भुगतान, किसी कर्मचारी को निकालने के बारे में एक गाइडलाइन बनाना आदि शामिल है।
– पहले हर पांच साल में प्रमोशन होता था लेकिन पिछले 10 सालों से पे ग्रेड नहीं बदला।
– कर्मचारियों के मुताबिक प्रबंधन ने जुलाई 2017 में किए गए वादे नहीं निभाए।
– प्रबंधन ने वादा किया था कि 13,500 से 25,520 ग्रेड का 14,000 से 26,950 ग्रेड के साथ विलय किया जाएगा, लेकिन यह नहीं हुआ।
…इसलिए लाइफलाइन है मेट्रो – दिल्ली मेट्रो में रोजाना करीब 25 लाख लोग सफर करते हैं।
– मेट्रो बंद होती तो सड़कों पर दबाव बढ़ेगा, पहले ही दिल्ली में सड़क जाम और प्रदूषण की समस्या चरम पर है।
– मेट्रो के बाद सार्वजनिक परिवहन के लिए डीटीसी बेहद महत्वपूर्ण है जो पहले से ही यात्रियों की संख्या के दबाव में है।
– सड़क पर निजी वाहनों की संख्या भी बढ़ सकती है, जो अपने आप में सबसे बड़ी समस्या है।