इससे पहले भी उठ चुके हैं ऐसे सवाल
आपको बता दें कि बीते वर्ष 2017 में एनएसयूआई से अध्यक्ष पद जीतने वाले रॉकी तुसीद की डिग्री पर भी सवाल खड़े किए गए थे। फिलहाल अभी यह मामला अदालत में विचाराधीन है। बता दें कि अंकिव बसोया की डिग्री के संबंध में डीयू के अधिकारियों का कहना है कि अभी तक इस बाबत कोई शिकायत नहीं मिली है। हालांकि एबीवीपी की तरफ से मीडिया संयोजक मोनिका चौधरी ने कहा है कि अंकिल बसोया की मार्कशीट पूरी तरह से सही है। क्योंकि सभी दस्तावेजों के जांच करने के बाद ही दिल्ली विश्वविद्याय में उनको प्रवेश मिला है। एबीवीपी ने आरोप लगाया कि एनएसयूआई अपनी हार की वजह से बौखला गई है और इस तरह के बेबुनियाद आरोप लगा रही है।
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तीन पदों पर एबीवीपी ने दर्ज की थी जीत
आपको बता दें कि दिल्ली विश्वविद्याल छात्रसंघ के चुनाव में एबीवीपी ने चार में से तीन सीटों पर जीत का परचम लहराया था। इसमें अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और संयुक्त सचिव का पद शामिल है, जबकि सचिव पद पर एनएसयूआई ने जीत दर्ज की थी। पहली बार लेफ्ट और आम आदमी पार्टी ने मिलकर चुनाव लड़ा था लेकिन कोई कामयाबी नहीं मिली। सभी ने आरोप लगाया था कि एबीवीपी ने वोटिंग में धांधली की है।