पाकिस्तानी अखबार द डॉन के अनुसार कसूरी को शरीफ के सहयोगी ने बताया कि जुलाई 1999 में शरीफ और वाजपेयी के बीच बातचीत के दौरान वाजपेयी ने दिलीप कुमार को फोन दे दिया। इससे एकबारगी तो शरीफ चौंक गए क्योंकि वे दिलीप कुमार के बड़े प्रशंसक हैं। उन्हें विश्वास ही नहीं हुआ कि फोन पर उनक हीरो बात कर रहा है। दिलीप कुमार ने उन्हें विश्वास दिलाया कि वह सच में बोल रहे हैं और कारगिल में जो कुछ हो रहा है उससे वह चिंतित हैं। उन्होंने शरीफ को कहाकि यह समस्या जल्द ही खत्म की जानी चाहिए क्योंकि यही दोनों देशों के लोगों के हित में हैं।
इससे पहले कसूरी ने भारतीय चैनलों से बातचीत में बताया था कि कश्मीर समस्या को लेकर मनमोहन सिंह और परवेज मुशर्रफ सहमति के करीब पहुंच गए थे। साथ ही 26/11 मुंबई हमले के बाद भारत हवाई हमले की तैयारी में था। भारत लश्कर और जमात उद दावा के ठिकानों पर हमला करना चाहता था। उन्होंने अमरीकी सीनेटर से बातचीत के आधार पर यह दावा किया था।