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पूर्व CBI डायरेक्टर अश्विनी कुमार का निधन, घर में फांसी के फंदे पर लटका मिला शव

locationनई दिल्लीPublished: Oct 08, 2020 07:23:27 am

Submitted by:

Anil Kumar

HIGHLIGHTS

Ex CBI Director Ashwini Kumar Dies: सीबीआई के पूर्व निदेशक और मणिपुर एवं नगालैंड के पूर्व राज्यपाल अश्विनी कुमार का संदिग्ध परिस्थितियों में बुधवार को निधन हो गया।
पुलिस के अनुसार, अश्विनी कुमार ने आत्महत्या की है या कुछ और वजह है, इसकी पुष्टि नहीं हो पाई है।

ashwini kumar

Former CBI Director Ashwini Kumar Dies, Body Found Hanging From Hanging Trap In His Shimla Residence

शिमला। केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआई के पूर्व निदेशक और मणिपुर एवं नगालैंड के पूर्व राज्यपाल अश्विनी कुमार ( Former CBI Director Ashwini Kumar ) का बुधवार को निधन हो गया। शिमला के अपने घर में संदिग्ध परिस्थितियों में अश्विनी कुमार का शव फांसी के फंदे में लटका हुआ पाया गया। एसपी शिमला मोहित चावला ने 70 वर्षीय अश्विनी कुमार के निधन की पुष्टि की है।

कुछ मीडिया रिपोर्टस में शुरूआती जानकारी के मुताबिक बताया गया है कि अश्विनी कुमार ने आत्महत्या की है। हालांकि अभी तक ये साफ नहीं हो पाया है कि उन्होंने ऐसा कदम क्यों उठाया है। इसके पीछ की वजह क्या है? इधर पुलिस के अनुसार, अश्विनी कुमार ने आत्महत्या की है या कुछ और वजह है, इसकी पुष्टि नहीं हो पाई है। बताया जा रहा है कि उन्होंने सुसाइड नोट भी छोड़ा है।

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बता दें कि हिमाचल के सिरमौर के रहने वाले अश्विनी कुमार 1973 बैच के आईपीएस ऑफिसर थे। हिमाचल प्रदेश के डीजीपी, सीबीआई के डायरेक्टर समेत कई महत्वपूर्ण पदों पर रहते हुए देश की सेवा की है और अपनी काबिलियत का लोहा मनवाया है।

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CBI डायरेक्टर बनने वाले हिमाचल के पहले पुलिस अफसर थे अश्विनी कुमार

आपको बता दें कि अश्विनी कुमार जुलाई 2008 में सीबीआई के डायरेक्टर बने थे। वे सीबीआई डायरेक्टर बनने वाले हिमाचल प्रदेश के पहले पुलिस अफसर थे। वे 2 अगस्त 2008 से 30 नवंबर 2010 तक इस पद पर रहे। सीबीआई से सेवामुक्त होने के बाद मई 2013 में कांग्रेस की यूपीए सरकार ने उन्हें पहले नगालैंड का राज्यपाल बनाया। उसके बाद फिर जुलाई 2013 में ही मणिपुर का भी गवर्नर बना दिया।

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अश्विनी कुमार ने कई महत्वपूर्ण पदों पर रहते हुए देश की सेवा की है। 2006 में हिमाचल प्रदेश पुलिस के डीजीपी के तौर पर कई ऐतिहासिक सुधार कार्य किए जाने के लिए उन्हें जाना जाता है। वे अगस्त 2006 से लेकर जुलाई 2008 तक डीजीपी के तौर पर सेवारत रहे। अश्विनी कुमार ने हिमाचल पुलिस के डिजिटलीकरण और थाना स्तर पर कम्प्यूटर के उपयोग की शुरुआत करवाई थी। अश्विनी के कही कार्यकाल में शिकायतों के ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन जैसी व्यवस्था शुरू की गई थी।

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