10 दिवसीय गणेश उत्सव 22 अगस्त से शुरू हो रहा है। भगवान गणेश को बुद्धि, विवेक, धन-धान्य, रिद्धि-सिद्धि का कारक माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि गणेश को प्रसन्न करने से घर में सुख, समृद्धि और शांति की स्थापना होती है।
दिल्ली के बाद अब इस राज्य पर है आम आदमी पार्टी की नजर, अरविंद केजरीवाल ने किया सभी सीटों पर लड़ने का ऐलान इस समय है गणेश स्थापना का शुभ मुहूर्त
गणेश चतुर्थी शनिवार के दिन पड़ रही है। पंचाग के मुताबिक चतुर्थी शाम 7:57 बजे तक है और हस्त नक्षत्र भी शाम 7:10 बजे तक है। शनिवार यानी 22 अगस्त को दोपहर 12 बजकर 22 बजे से शाम 4 बजकर 48 बजे तक चर, लाभ और अमृत का चौघड़िया है। यानी इस दौरान गणेश स्थापना और पूजन ( Ganesh Puja ) शुभ फलदायी होगी। आपको बता दें कि शास्त्रों के मुताबिक इस दिन वर्णित चौघड़िया मुहूर्त शुभता प्रदान करने वाला है।
गणेश चतुर्थी शनिवार के दिन पड़ रही है। पंचाग के मुताबिक चतुर्थी शाम 7:57 बजे तक है और हस्त नक्षत्र भी शाम 7:10 बजे तक है। शनिवार यानी 22 अगस्त को दोपहर 12 बजकर 22 बजे से शाम 4 बजकर 48 बजे तक चर, लाभ और अमृत का चौघड़िया है। यानी इस दौरान गणेश स्थापना और पूजन ( Ganesh Puja ) शुभ फलदायी होगी। आपको बता दें कि शास्त्रों के मुताबिक इस दिन वर्णित चौघड़िया मुहूर्त शुभता प्रदान करने वाला है।
गणेश भगवान का जन्म मध्याहन में हुआ था, इसलिए मध्याहन काल में पूजा का विशेष महत्व माना जाता है। 126 वर्ष बाद दुर्लभ संयोग
इस गणेश चतुर्थी पर एक दुर्लभ संयोग भी बन रहा है। खास बात यह है कि ये संयोग पूरे 126 वर्ष बाद पड़ा है। ज्योतिषीय गणना के मुताबिक गणेश चतुर्थी पर 126 साल बाद सूर्य और मंगल अपनी-अपनी स्वराशि में स्थित हैं। जहां सूर्य अपनी सिंह राशि में है तो वहीं मंगल भी अपनी मेष राशि में बैठा है। दोनों ग्रहों का ये संयोग कुछ राशियों की अत्यंत शुभ है।
इस गणेश चतुर्थी पर एक दुर्लभ संयोग भी बन रहा है। खास बात यह है कि ये संयोग पूरे 126 वर्ष बाद पड़ा है। ज्योतिषीय गणना के मुताबिक गणेश चतुर्थी पर 126 साल बाद सूर्य और मंगल अपनी-अपनी स्वराशि में स्थित हैं। जहां सूर्य अपनी सिंह राशि में है तो वहीं मंगल भी अपनी मेष राशि में बैठा है। दोनों ग्रहों का ये संयोग कुछ राशियों की अत्यंत शुभ है।
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हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी गणेशोत्सव के मौके पर बप्पा बड़ी धूमधाम से मुंबई में विराजमान होंगे। हालांकि कोरोना संकट के चलते सार्वजनिक पंडालों पर पाबंदी लगाई गई है। इस साल गणेशोत्सव कोरोना से प्रभावित हुआ है। भक्त चौपाटी पर आराध्य को विदाई नहीं दे पाएंगे, लेकिन, कोरोनाकाल में भी गणपति बप्पा मोरया की गूंज सुनाई देगी।
हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी गणेशोत्सव के मौके पर बप्पा बड़ी धूमधाम से मुंबई में विराजमान होंगे। हालांकि कोरोना संकट के चलते सार्वजनिक पंडालों पर पाबंदी लगाई गई है। इस साल गणेशोत्सव कोरोना से प्रभावित हुआ है। भक्त चौपाटी पर आराध्य को विदाई नहीं दे पाएंगे, लेकिन, कोरोनाकाल में भी गणपति बप्पा मोरया की गूंज सुनाई देगी।
वहीं बिहार में भी कोरोना के चलते गणेश चतुर्थी पर सार्वजनिक पंडालों में गणेश स्थापना, जुलूस और विसर्जन पर रोक लगाई गई है। इसके साथ ही राजधानी दिल्ली में भी गणेश उत्सव को लेकर सरकार ने गाइडलाइन जारी की है। इसके तहत पब्लिक प्लेस में गणेश स्थापना ना करने और किसी भी तरह के जुलूस पर पूरी तरह पाबंदी है।
इसी तरह देशभर कोरोना संकट के चलते अन्य त्योहारों की तरह गणेशोत्सव पर भी कोविड-19 का साया नजर आ रहा है। बाजारों में रौनक नहीं है। कलाकारों की मानें तो इस वर्ष उन्होंने सिर्फ 30 से 40 फीसदी ही मूर्तियां बनाई हैं।