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टैक्स के दायरे में आएंगे ऐसे वाहन
केंद्र सरकार के प्रस्ताव के मुताबिक ट्रांसपोर्ट वाली गाडिय़ों पर ग्रीन टैक्स, रोड टैक्स, के 10 से 25 प्रतिशत की दर से लगाया जाएगा। पंद्रह साल के रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेशन के के नवीनीकरण के साथ पर्सनल गाडिय़ों ग्रीन टैक्स लगाया जाएगा। जबकि पब्लिक ट्रांसपोर्ट व्हीकल जैसे सिटी बस आदि पर कम ग्रीन टैक्स लगेगा। वहीं, देश के सबसे ज्यादा प्रदूषित शहरों में पंजिकृत गाडिय़ों पर सबसे अधिक ग्रीन टैक्स लगाया जाएगा, जो रोड टैक्स का पचास प्रतिशत होगा। इसके साथ ही पेट्रोल और डीजल गाडिय़ों के लिए कैटगरी तय की जाएगी, ताकि उन पर अगल-अलग रेट से ग्रीन टैक्स लगाया जा सके।
ये वाहन रहेंगे टैक्स से बाहर
इस दौरान सीएनजी, एलपीजी, इथेनॉल और इलेक्ट्रिक गाडिय़ों पर छूूट दी जाएगी। ऐसे वाहनों को ग्रीन टैक्स के दायरे से बाहर रखा जाएगा। इसके साथ ही ऐसे वाहन जिनका इस्तेमाल खेती बाड़ी के काम में किया जाता है, उन पर भी ग्रीन टैक्स नहीं लगेगा। केंद्र सरकार की ओर से राज्यों को भेजे गए प्रस्ताव के अनुसार ग्रीन टैक्स स प्राप्त मिलने वाले राजस्व को एक अलग अकाउंट में रखा जाएगा, जिसका इस्तेमाल प्रदूषण की रोकथाम के लिए होगा। प्रस्ताव में केंद्र ने राज्यों को ग्रीन टैक्स के लाभ भी गिनाए हैं। सरकार का मानना है कि अधिक प्रदूषण फैलाने वाली गाडिय़ों को हटाने के लिए इस तरह के टैक्स की व्यवस्था की जा रही है।
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प्रदूषण को रोकने में मिलेगी मदद
इसके साथ ही ऐसे वाहनों को अधिक प्रोत्साहित किया जाएगा, जो कम कार्बन उत्सर्जित करते हैं। केंद्र सरकार का तो यहां तक मानना है कि इस प्रयोग से प्रदूषण को रोकने में काफी हद तक मदद मिलेगी।