चप्पल और BMW पर समान टैक्स नहीं होगा
उन्होंने कहा कि दरों को कम करने की संभावना तो है लेकिन भारत में बीएमडब्लू कार और चप्पल पर समान टैक्स नहीं हो सकता। हिंदुस्तान जैसे देश में जहां बड़े पैमाने पर लोग गरीबी रेखा के नीचे रहते हैं, वहां जीएसटी की दरें एक कैसे हो सकती है। जेटली ने कहा कि हवाई चप्पल और बीएमडब्लू कार पर एक समान टैक्स नहीं लगाया जा सकता।
देश में एक जुलाई से वस्तु एवं सेवा कर लागू हुए एक महीने से ज्यादा का वक्त हो चुका है। जीएसटी के तहत अलग-अलग वस्तुओं और सेवाओं पर टैक्स के अलग-अलग स्लैब हैं। इसमें 3 फीसदी, 5 फीसदी, 12 फीसदी, 18 फीसदी और 24 फीसदी तय है। हालांकि रोजमर्रा में उपयोग होने वाली बहुत सी वस्तुओं को जीएसटी के बाहर रखा गया है। जीएसटी लागू होने के बाद केंद्र सरकार पर विपक्ष जमकर हमला बोल रही है। विपक्ष का कहना है कि अगर एक देश, एक टैक्स ही लागू करना था तो पांच स्लैब बनाने की क्या जरुरत थी।
20 अगस्त तक दाखिल करें रिटर्न
बता दें कि जीएसटी के तहत पहला टैक्स रिटर्न 5 अगस्त से भरा जा सकता है जो 20 अगस्त से जारी रहेगा। जीएसटी काउंसिल ने कंपनियों को जीएसटी कंप्लायंस आसान करने के मकसद से 2 महीने यानि सितंबर तक सेल्फ एसेसमेंट के आधार पर रिटर्न दाखिल कर सकते हैं। इसके लिए जीएसटी नेटवर्क पोर्टल पर जीएसटीआर 3बी फॉर्म भरना होगा। टैक्स कलेक्शन के लिए रिजर्व बैंक ने करीब 25 बैंकों से करा किया है।