Hathras Case: SC में यूपी सरकार का हलफनामा, सरकार को बदनाम करने के लिए चलाया गया 'शातिर अभियान'
- Hathras Case: सुप्रीम कोर्ट में यूपी सरकार हलफनामा, प्रदेश सरकार को बदनाम करने के लिए चला शातिर अभियान
- यूपी सरकार की सुप्रीम कोर्ट से मांग, निष्पक्ष जांच के लिए सीबीआई को दें निर्देश
- जांच की निगरानी भी करे सुप्रीम कोर्ट

नई दिल्ली। पिछले एक सप्ताह से उत्तर प्रदेश की सियासत में घमासान मचा चुकी हाथरस की घटना ( Hathras Case ) को लेकर मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ( Supreme Court )में उस याचिका पर सुनवाई करेगा जिसमें हाथरस मामले की जांच शीर्ष अदालत या हाईकोर्ट के मौजूदा या पूर्व जज की निगरानी में सीबीआई या एसआईटी से कराने की गुहार लगाई गई है।
उधर उत्तर प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल किया है कि राज्य सरकार को बदनाम करने के लिए 'शातिर अभियान' चलाया गया है। हलफनामा में कहा गया कि अदालत को मामले की स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच के लिए सीबीआई जांच का निर्देश देना चाहिए। हलफनामे में कहा गया है कि SC को मामले की सीबीआई जांच की निगरानी करनी चाहिए।
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#Hathras case: Uttar Pradesh govt's affidavit states
— ANI (@ANI) October 6, 2020
a "vicious campaign" has been unleashed to defame the State govt.
It explains in detail the investigation carried out so far in the case, & says that vested interests are attempting to ascribe motive to derail a fair probe. https://t.co/n4ArcEkgJl
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हाथरस कांड सुप्रीम कोर्ट के दरवाजे पर पहुंच चुका है। पीड़ित परिवार को इंसाफ दिलाने के सर्वोच्च अदालत में एक जनहित याचिका लगाई गई है, जिस पर कोर्ट सुनवाई करेगा। 76 वर्षीय पूर्व न्यायिक अधिकारी चंद्रभान सिंह की ओर से दायर इस याचिका में कहा गया है कि पीड़ित व उसके परिजनों को अंतिम संस्कार के अधिकार से वंचित किया गया।
ये कहा याचिकाकर्ता ने
याचिकाकर्ता का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला है कि मौलिक अधिकार के दायरे में गरिमा के साथ मरने का अधिकार भी शामिल है।
इस मामले में यूपी के एडीसी से लेकर डीएम व एसपी तक की भूमिका की जांच की जरूरत है।
ये कहा यूपी सरकार ने
वहीं उत्तर प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल किया है कि राज्य सरकार को बदनाम करने के लिए 'शातिर अभियान' चलाया गया है। यूपी सरकार ने कहा है कि अदालत को मामले की स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच के लिए सीबीआई जांच का निर्देश देना चाहिए।
इसके अलावा तमिलनाडु के एक वकील सीआर जयासुकिन ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर कहा है कि हाथरस कांड के चलते उत्तर प्रदेश में मौलिक अधिकारों का हनन हो रहा है, ऐसे में वहां राष्ट्रपति शासन लगाया जाना चाहिए। आपको बता दें कि चीफ जस्टिस एस ए बोबडे की अध्यक्षता वाली पीठ मंगलवार को इस याचिका पर सुनवाई करेगी।
...तो रात में भड़क जाती हिंसा
यूपी सरकार ने अब तक हुई जांच का विस्तृत ब्योरा सुप्रीम कोर्ट को सौंपा। यूपी सरकार ने दावा किया कि कुछ निहित स्वार्थ वाली ताकतें निष्पक्ष न्याय के रास्ते में रोड़ा अटका रही हैं।
योगी सरकार ने कहा है कि हाथरस पीड़िता की रात में अंत्येष्टि न करते तो सुबह भड़क जाती भारी हिंसा।
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