नई दिल्ली। भारत के असम, गुजरात,राजस्थान,पश्चिम बंगाल और ओडिशा समेत देश के कई राज्य तेज बारिश और बाढ़ की चपेट में हैं। कई लोगों की मौत हो चुकी हैं। कई लोग बेघर हो चुके हैं। इस साल बाढ़ से गुजरात में 40,000 लोगों पर बाढ़ का असर पड़ा है। गुजरात में बाढ़ की वजह से 80 लोगों की मौत हुई है। असम में 15,746 लोगों पर बाढ़ का असर पड़ा है। असम में बाढ़ की वजह से 77 लोगों की मौत हुई है। वहीं पश्चिम बंगाल में बाढ़ से 25000 लोगों पर असर पड़ा है व 6 लोगों की मौत हुई है। ओडिशा में बाढ़ की वजह से 2 लोगों की मौत हुई है व 38,000 लोग इसकी चपेट में आए हैं। राजस्थान में भी बाढ़ का यही हाल है राजस्थान में बाढ़ का असर 3000 लोगों पर पड़ा है व 4 लोगों की मौत हो चुकी है।
सूखा पड़ने वाले इलाकों में भी हुई बारिश
मैसाचुसटे्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नॉलजी (एमआईटी) की टीम ने अपने एक शोध में कहा है कि पिछले 15 सालों में उत्तर केंद्रीय भारत में भारी बारिश हुई है। शोध में कहा गया कि भारत के उन इलाकों में भी बारिश हुई है जिन्हें यह माना जाता था कि इस जगह बारिश नहीं होती है। 2002 के बाद से ज्यादा सूखे पड़ने वाले इलाकों में भी बारिश हुई है। इस वजह से तापमान में 0.1 से 1 डिग्री की वृद्धि हुई है।
2002 के पास से 1.34 मिलीमीटर बढ़ी है बारिश
एमआईटी संस्थान के पृथ्वी, वायुमंडलीय और ग्रह विज्ञान विभाग में कार्यरत वरिष्ठ शोध वैज्ञानिक चिन वांग की स्टडी के मुताबिक भारत में खासतौर पर उत्तरी मध्य भारत की स्थिति में मौसम की यह स्थिति थोड़ी चिंता जनक है। चिन वांग ने कहा कि भारत का मौसम हमें टेक्सटबुक में पढ़ाया जाता है। हमें ऐसा लगता है कि हम भारत के मौसम के बारे में काफी कुछ जानते है लेकिन ऐसा नहीं है। सन 1950 से 2002 तक भारत में बारिश कम आती थी। स्टडी के मुताबिक 0.18 मिलीमीटर हर दशक में बारिश घट रही थी। वहीं 2002 के बाद बारिश 1.34 मिलीमीटर बढ़ी है।
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