उपराज्यपाल के आदेश पर नियुक्ति हालांकि दिल्ली सरकार का कहना है कि इन सभी सलाहकारों की नियुक्ति उपराज्यपाल की की मंजूरी से हुई है।साथ ही सरकार का कहना है कि सलाहकार के पदों पर नियुक्तियां मुख्यमंत्री ही करता है ऐसे में ये नियुक्तियां रद्द करना सरकार के
काम को प्रभावित करना है। वहीं एलजी का कहना है कि बिना गृह मंत्रालय की मंजूरी के ये सलाहकार नियुक्त किए गए थे। केंद्रीय गृह मंत्रालय की सलाह पर यह कार्रवाई हुई है।
गौरतलब है कि 23 मार्च को
आम आदमी पार्टी को दिल्ली हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली थी। लाभ के पद मामले में 20 विधायकों की सदस्यता खत्म नहीं करते हुए कहा कि चुनाव आयोग विधायकों की याचिका पर दोबारा सुनवाई करें। । गौरतलब है कि AAP विधायकों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर केंद्र की अधिसूचना को रद्द करने की मांग की थी। याचिका पर जस्टिस संजीव खन्ना और चंदर शेखर की पीठ ने विधायकों, चुनाव आयोग और अन्य पार्टियों की ओर से हुई बहस के बाद 28 फरवरी को फैसला सुरक्षित रख लिया था।
आप का चुनाव आयोग पर आरोप गौरतलब है कि दिल्ली सरकार और आप का आरोप है कि चुनाव आयोग ने केन्द्र के इशारे पर ऐसा किया है। चुनाव आयोग के सुझावों पर राष्ट्रपति ने अपने विवेक से काम न लेकर दबाव में मंजूरी दी । राष्ट्रपति को ऐसा करने से पहले आप के विधायकों को सफाई देने का अवसर देना चाहिए। उन्होंने ऐसा नहीं किया।