कोरोना का ऐसा ही प्रकोप लॉकडाउन के दौरान मजदूरों की मदद करने वाली देबदत्ता रे ( Debdatta rey ) पर भी पड़ा है। दूसरों की मदद करने वाली खुद कोरोना के आगे जिदंगी की जंग हार गई।
कोरोना वायरस संकट के बीच गलती से एक शख्स की लगी 15 करोड़ की लॉटरी, जानें फिर क्या हुआ पश्चिम बंगाल में कोरोना के खिलाफ लड़ाई में अहम योगदान निभाकर सुर्खियों में आयी अफसर देबदत्ता रे का कोरोना के कारण निधन हो गया। देबदत्ता के परिवार में उनके पति के अलावा एक चार साल का बेटा है।
38 वर्षीय देबदत्ता रे हुगली जिले में चंदननगर सब डिविजन की डिप्टी मजिस्ट्रेट थीं। जुलाई महीने की शुरुआत में उनमें कोरोना के लक्षण दिखाई दिए थे। लक्षण पाए जाने के बाद उत्तरी कोलकाता के दमदम में उन्हें उनको घर पर रहकर क्वारंटीन करने की सलाह दी गई थी। कुछ दिन पहले उन्हें सांस लेने में तकलीफ होने लगी। इसके बाद उन्हें अस्पताल ले जाया गया जहां उन्होंने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया।
सुप्रीम कोर्ट के वकील इन दिनों ढूंढ रहे पचास पैसे के सिक्के, जानें जुर्माना भरने के लिए क्यों करना पड़ रहा ये काम कोरोना वॉरियर के निधन पर प्रदेश की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी शोक व्यक्त किया। ममता ने अपने ट्वीट में लिखा कि युवा अफसर देबदत्ता के असामयिक निधन पर बहुत दुखी हूं। उन्होंने आगे कहा कि कोरोना से फैली महामारी के खिलाफ जारी लड़ाई में वो आगे से लड़ रही थी।
ममता ने बताया कि उन्होंने रे के पति से बात करके अपनी संवेदना प्रकट की है। आपको बता दें, लॉकडाउन के दौरान बाहर से बंगाल के हुगली में आ रहे प्रवासी मजदूरों को रहन सहन की व्यवस्था के लिए देबदत्ता रे को इंचार्ज बनाया गया था।
चीन के खिलाफ अब तक का सबसे बड़ा कदम उठाने जा रहा अमरीका, जानें भारत को कैसे मिलेगा फायदा आपको बता दें कि लॉकडाउन के दौरान मिले जिम्मेदारी रे ने बखूबी संभाली भी थी। शायद यही वजह थी कि प्रदेश में उनका नाम कोरोना वॉरियर के तौर पर भी लिया जाने लगा था।