राजनाथ सिंह का बड़ा बयान, बालाकोट में आतंकी ठिकानों को खत्म करने के लिए सेना तैयार ट्वीट में गोपीनाथन ने लिखा- ‘पुणे विश्वविद्यालय के छात्रों ने मुझे जयकार पुस्तकालय में बुलाया और कहा कि वहां पर बहुत सारे छात्र यूपीएससी की तैयारी करते हैं और वहां मुझसे मिलना पसंद करेंगे। तब पुस्तकालय प्रभारी को अहसास हुआ कि मैं कौन हूं और उन्होंने मुझसे मेरे पुस्तकालय में प्रवेश करने के लिए विचार करने के लिए एक आवेदन देने को कहा।’
गोपीनाथन ने लिखा है कि- ‘तब छात्रों ने बताया कि नियम के मुताबिक, विश्वविद्यालय/छात्रावास में सरकार के खिलाफ कोई भी राजनीतिक गतिविधि की इजाजत नहीं है। बहरहाल, प्रवेश से रोकने पर अच्छा नहीं लग रहा है। लेकिन नया अनुभव है। सब अच्छा है।’
गोपीनाथन ने ट्विटर पर एक छात्र के प्रश्न का उत्तर देते हुए कहा कि वह सोमवार दोपहर को ही पुणे से रवाना हो गए थे और शहर वापस जरूर आएंगे। तब मिलेंगे।’
NRC मुद्दे पर केजरीवाल और मनोज तिवारी में जुबानी जंग, एक दूसरे पर कसे तंज गोपीनाथन ने कहा कि छात्र और लाइब्रेरी के अधिकारियों के बीच तीखी बहस और तकरार के बाद वहां जाने का विचार उन्होंने छोड़ दिया। इसके बाद विश्वविद्यालय की एक कैंटीन में छात्रों से बातचीत की। उन्होंने कहा, मैं शहर में व्याख्यान देने के लिए गया था।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार- गोपीनाथन ने कहा कि कुछ छात्र उन्हें युनिवर्सिटी दिखाना चाहते थे। मुझे ये भी बताया गया कि यहां की लाइब्रेरी बहुत अच्छी है। बहुत सारे छात्र यूपीएससी और अन्य लोक सेवाओं की परीक्षाओं की तैयार करते हैं। उन्होंने कहा, मुझे बताया गया कि ये छात्र मुझसे बात करना पसंद करेंगे।