सीबीआई ने किया था जमानत का विरोध सीबीआई और ईडी ने INX मीडिया केस (INX Media Case) में
CBI ने कैबिनेट मंत्री और वरिष्ठ कांग्रेसी नेता
पी चिदंबरम (P Chidambaram), उनके बेटे कार्ति चिदंबरम (Karti Chidambaram) और उनकी दो कंपनियों समेत कुल 15 लोगों के खिलाफ शुक्रवार को चार्जशीट दायर की थी। सीबीआई (CBI) ने सुप्रीम कोर्ट से यह भी कहा था कि इस मामले में भ्रष्टाचार की जांच जारी है।
इसलिए पी. चिदंबरम को अभी जमानत न दी जाए। CBI ने जो जमानत याचिका दायर की थी उसमें दावा किया गया था कि इंद्राणी मुखर्जी (Indrani Mukerjea) ने पी चिदंबरम को रिश्वत के तौर पर 35.5 करोड़ रुपए से ज्यादा दिए। ये पैसे सिंगापुर, मॉरीशस, बरमूदा, इंग्लैंड और स्विटजरलैंड में दिए गए।
J-K: बीजेपी नेता राम माधव का बड़ा खुलासा- कश्मीर घाटी के नेताओं को जल्द मिलेगी नजरबंदी क्या है पूरा मामला? दरअसल, 15 मई, 2017 को ईडी (ED) ने ये मामला दर्ज किया था। ईडी के द्वारा दर्ज केस में आईएनएक्स मीडिया प्राइवेट लिमिटेड ने 4.62 करोड़ रुपए की स्वीकृत FDI राशि के मुकाबले लगभग 403.07 करोड़ रुपए का विदेशी निवेश हासिल किया था। जांच के दौरान पाया गया कि INX Media Pvt Ltd के निदेशक इंद्राणी मुखर्जी और पीटर मुखर्जी, पी चिदंबरम, तत्कालीन वित्त मंत्री और उनके बेटे कार्ति चिदंबरम सहित कई अधिकारी इसमें शामिल थे।
AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी का ममता बनर्जी पर पलटवार, दीदी पहले ये बताएं BJP कैसे अगस्त में हुए थे गिरफ्तार इस मामले में UPA सरकार के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री भी रह चुके चिदंबरम को 21 अगस्त को जोर बाग स्थित उनके निवास से CBI ने गिरफ्तार किया गया था। CBI ने 15 मई, 2017 को एक प्राथमिकी दर्ज कर INX Media Group को 2007 में 305 करोड़ रुपए की विदेशी निधि प्राप्त करने के लिए दी गई विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड (Foreign Investment Promotion Board) की मंजूरी में अनियमितता का आरोप लगाया था.। उस वक्त चिदंबरम वित्त मंत्री थे।