खुद विनय तिवारी ने बताया कि उन्हें बीएमसी की ओर से एक मैसेज आया, जिसमें लिखा था कि मैं क्वारंटीन से बाहर आ सकता हूं। अब मैं पटना लौट जाउंगा। आपको बता दें कि बिहार के इस तेजतर्रार आईपीएस ऑफिसर के मुंबई पहुंचते ही क्वारंटीन किए जाने पर चर्चाएं शुरू हो गई थीं। आईए आपको बताते हैं आखिर विनय तिवारी हैं कौन और एक इंजीनियर बनते-बनते पुलिस अधिकारी बन गए।
कोरोना वायरस ने ली एक ओर दिग्गज की जान, देशभर में छाई शोक की लहर विनय तिवारी का जन्म एक किसान परिवार में हुआ। उत्तर प्रदेश के ललित पुर में जन्में विनय के पिता पेशे से किसान थे। बचपन में विनय का मन किताबों में नहीं लगता था, लेकिन पिता को सहयोग और भविष्य की चिंता के चलते उन्होंने किताबों से दोस्ती कर ली।
विनय के पिता का सपना था कि उनका बेटा पढ़ लिखकर बड़ा अधिकारी बने। यही वजह रही कि उन्होंने बेटे की उच्च शिक्षा के लिए काफी कर्ज भी लिया। पिता की इस संघर्ष ने विनय के मन में कुछ बनने का जज्बा भर दिया और उन्होंने जी तोड़ मेहनत की।
इंजीनियरिंग में रुचि रखने वाले विनय तिवारी स्कूल की पढ़ाई पूरी करने के बाद राजस्थान के कोटा चले गए, जिसके बाद प्रतिष्ठित IIT-BHU में दाखिला पाने में सफल रहे। गणित और विज्ञान में विनय का काफी रुचि थी। उन्होंने IIT-BHU से ग्रेजुएशन पूरा किया। हालांकि पिता चाहते थे कि बेटा पुलिस अधिकारी बने। लिहाजा विनय ने यूपीएससी की तैयारी शुरू की।
दूसरी बार में मिली सफलता
यूपीएससी की तैयारी के दौरान विनय तिवारी अपने पहले प्रयास में असफल रहे, लेकिन उन्होंने हौसला नहीं हारा, क्योंकि पिता ने एक बार फिर उनकी हिम्मत बढ़ाई। बस फिर क्या था विनय ने दूसरी बार भी जी तोड़ मेहनत की और इस बार नतीजा कामयाब रहा। विनय ने समाज शास्त्र, भूगोल और इतिहास विषय को चुना और इस बार सफल हुए।
यूपीएससी की तैयारी के दौरान विनय तिवारी अपने पहले प्रयास में असफल रहे, लेकिन उन्होंने हौसला नहीं हारा, क्योंकि पिता ने एक बार फिर उनकी हिम्मत बढ़ाई। बस फिर क्या था विनय ने दूसरी बार भी जी तोड़ मेहनत की और इस बार नतीजा कामयाब रहा। विनय ने समाज शास्त्र, भूगोल और इतिहास विषय को चुना और इस बार सफल हुए।
विनय तिवारी के संघर्ष की कहानी IAS निशान्त जैन की मोटिवेशनल किताब ‘रुक जाना नहीं’ में है। इसके मुताबिक IIT बीएचयू से इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरने के बाद विनय नौकरी कर पिता की मदद करना चाहते थे, उन्होंने इंटर्नशिप भी शुरू कर दी थी, लेकिन फिर पिता ने उन्हें उनका लक्ष्य याद दिलाया और विनय ने उसे हासिल किया।
कोरोना से जंग के बीच एम्स की स्टडी में हुआ बड़ा खुलासा, प्लाज्मा थेरेपी से नहीं मिल रहा कोई फायदा रचनात्मक गतिविधियों के लिए जाने जाते हैं विनय
विनय न केवल अपनी शैक्षणिक उपलब्धियों के लिए बल्कि रचनात्मक गतिविधियों के लिए भी जाने जाते हैं। फेसबुक पर अपने अनुभवों को शेयर करते हुए, तिवारी ने लिखा कि ‘वह शुरू में पढ़ाई में रुचि नहीं रखते थे। वह खुद को भविष्य में फाइनेंशियली सिक्योर करना चाहते थे, जिसकी वजह से यूपीएससी की ओर उनकी रुचि बढ़ने लगी थी।
विनय न केवल अपनी शैक्षणिक उपलब्धियों के लिए बल्कि रचनात्मक गतिविधियों के लिए भी जाने जाते हैं। फेसबुक पर अपने अनुभवों को शेयर करते हुए, तिवारी ने लिखा कि ‘वह शुरू में पढ़ाई में रुचि नहीं रखते थे। वह खुद को भविष्य में फाइनेंशियली सिक्योर करना चाहते थे, जिसकी वजह से यूपीएससी की ओर उनकी रुचि बढ़ने लगी थी।
वर्ष 2015 को विनय आईपीएस बने। वर्ष 2019 में विनय तिवारी पटना सेंट्रल के SP के पद पर नियुक्त किए गए थे। कोरोना पर कविता के चलते बंटोरी सुर्खियां
विनय ने हाल ही में वैश्विक महामारी कोरोना वायरस पर लिखी एक कविता सोशल मीडिया पर शेयर की थी, जो वायरल हो गई। दरअसल अपनी रचनात्मकता के चलते वह अक्सर अपने सोशल मीडिया अकाउंट्स पर अपनी शायरी शेयर करते हैं।
विनय ने हाल ही में वैश्विक महामारी कोरोना वायरस पर लिखी एक कविता सोशल मीडिया पर शेयर की थी, जो वायरल हो गई। दरअसल अपनी रचनात्मकता के चलते वह अक्सर अपने सोशल मीडिया अकाउंट्स पर अपनी शायरी शेयर करते हैं।