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ग्रामीणों में काफी आक्रोश
सिंचाई नहर को चालू कराने के लिए स्थानीय काश्तकारों ने कई बार प्रशासन को इसके बारे में जानकारी दी। इसका निर्माण कार्य शुरू करने के बारे में अभी तक कोई आदेश या कोई योजना नहीं बनी है। क्षेत्र के अधिकांश ग्रामीण कृषि कार्य कर अपनी आजीविका को चलाते हैं। ऐसे में खेती के लिए पानी नहीं मिलने के कारण इनको गुजारा करने में काफी परेशानियां आ रही है। विभाग की इस उदासीनता पर ग्रामीणों में काफी आक्रोश है। कई बार इसकी लिखित में भी शिकायत कर चुके हैं। उसके बाद भी प्रशासन एक्शन के मूड में नहीं है। क्वीतड़ गांव निवासी नर सिंह ने बताया कि इस नहर का निर्माण वर्ष 1963-64 में हुआ था। वर्ष 2011-12 में ग्रामीण क्षेत्र के लिए सड़कों की कटिंग के दौरान मलबा आने से यह नहर बंद पड़ी है।
किसानों हो रही है काफी परेशानी
एक बार फिर स्थानीय लोग बंद पड़ी इस नहर को चालू कराने के लिए प्रशासन से अपील कर रहा है। किसानों ने अपनी अर्जी में लिखा है कि स्थानीय लोग अधिकांश कृषि पर ही निर्भर है। ऐसे में नहर का पानी नहीं मिलने के कारण किसानों को फसल तैयार करने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
वही विभागीय अधिकारियों द्वारा सड़क निर्माण के कार्य पूर्ण होने के बाद नहर की मरम्मत किए जाने की बात कहकर मामले को छोड़ देते हैं। लेकिन स्थानीय लोग बार- बार अपनी समस्या लेकर अधिकारियों को अवगत करा रहे हैं। क्षेत्रवासियों ने शीघ्र नहर का मलबा हटाकर पानी सुचारु करने की मांग की है।