Lockdown 3.0: मजदूर दो बच्चों को वेहंगी में बिठाकर 160 किलोमीटर पैदल चलकर पहुंचा अपने गांव जानकारी के मुताबिक, आसिफ इकबाल तन्हा जामिया कोऑर्डिनेशन कमेटी का प्रमुख सदस्य है। इसे उमर खालिद, शरजील इमाम, मीरान हैदर और सफुरा जर्गर का करीबी सहयोगी माना जाता है। आसिफ ने दिसंबर 2019 में जामिया में
CAA के विरोध में हुए प्रदर्शन के आयोजन में सक्रिय भूमिका निभाई थी।
देश भर में हुआ था विरोध बता दें कि CAA (संशोधित नागरिकता कानून) का पूरे देश में जगह-जगह विरोध हुआ था। लोग सड़कों पर उतर आए थे। वहीं दूसरी ओर इसके पक्ष में भी लोग सड़कों पर उतरकर लोगों को समझा रहे थे। इस कानून के तहत के तहत पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश में धार्मिक उत्पीड़न के कारण देश में शरण मांगने वाले हिंदू, ईसाई, सिख, पारसी, जैन और बौद्ध धर्म के लोगों को भारत की नागरिकता देने की अनुमति दी जाएगी। जो लोग 31 दिसंबर, 2014 तक भारत में प्रवेश कर चुके थे, वे भारत की नागरिकता के लिए आवेदन कर सकेंगे।
सरकार का ऑनलाइन शिक्षा पर बल, 1 से 12वीं कक्षा लिए लॉन्च होंगे 12 टीवी चैनल यह था विरोध का कारण इस कानून का विरोध करने वालों का कहना है कि इस कानून में मुसलमानों के साथ भेदभाव किया गया है। इसमें केवल गैर-मुस्लिम लोगों को ही भारत की नागरिकता देने की बात कही गई है। इस कानून से संविधान के अनुच्छेद 14 का उल्लंघन होता है।