नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर का विशेष राज्य का दर्जा 5 अगस्त को खत्म कर दिया। उसके बाद से अब तक ज्यादातर नेता अपने घरों में नजरबंद हैं, लेकिन इस बीच जम्मू कश्मीर में एक नई राजनीतिक पंक्ति खड़े होने के लिए तैयार है। जम्मू एंड कश्मीर और लद्दाख के केंद्रशासित प्रदेश बनने के बाद पहली बार ब्लॉक डेवलपमेंट काउंसिल/बीडीसी चुनाव 24 अक्टूबर को होने वाले हैं।
जम्मू-कश्मीर में होने वाले ब्लॉक डेवलपमेंट काउंसिल चुनाव (बीडीसी) चुनाव का कांग्रेस भी बहिष्कार करेगी। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष जीए मीर ने कहा कि कश्मीर में राजनीतिक नेता नजरबंद हैं। चुनाव आयोग को ब्लॉक डेवलपमेंट काउंसिल चुनाव ऐलान से पहले राजनीतिक दलों से बात करनी चाहिए थी। जब नेता हिरासत में होते हैं तो राजनीतिक दल चुनाव में कैसे हिस्सा ले सकते हैं।
आपको बता दें कि बीडीसी चुनाव के जरिए ब्लॉक के चेयरपर्सन चुने जाते हैं। इसमें पंच और सरपंच ही वोट डालते हैं। पंचायत चुनावों की तरह ही पिछले चुनावों में पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी और नेशनल कॉन्फ्रेंस ने इशारा कर दिया था कि वह इन चुनावों से भी दूर रहेंगे।
ये चुनाव जम्मू कश्मीर और लद्दाख में एक राजनीति की नई जमात खड़ी करने वाले साबित हो सकते हैं।