यह मामला नौ अप्रैल को भी सुनवाई के लिए सूचीबद्ध था, लेकिन सीबीआई ( CBI ) ने जवाब दाखिल करने के लिए अदालत से समय की मांग की गई थी। लालू यादव अब जेल से बाहर निकल जाएंगे।
यह भी पढ़ेँः
ISRO Espionage Case : सुप्रीम कोर्ट के फैसले से खुश मंत्री वी मुरलीधरन बोले- सीबीआई जांच से सामने आएंगे असली दोषी इस आधार पर मिली जमानतलालू की जमानत याचिका पर फैसला सुनाते हुए रांची हाईकोर्ट जस्टिस अपरेश सिंह ने सजा की आधी अवधि पूरी करने के आधार पर राजद सुप्रीमो को दुमका कोषागार से अवैध निकासी के मामले में जमानत प्रदान की है।
ये शर्त करनी होगी पूरी
जमानत के लिए लालू को एक लाख रुपए का मुचलका देना होगा। जुर्माने में दस लाख रुपए जमा करना होगा। इसके अलावा उन्हें अपना पासपोर्ट जमा कराना होगा। बिना कोर्ट की अनुमति के विदेश नहीं जा सकेंगे। इस दौरान वे अपना पता और मोबाइल नंबर भी नहीं बदल सकेंगे।
आपको बता दें कि दुमका कोषागार से 3 करोड़ रुपए से ज्यादा की अवैध निकासी मामले से पहले लालू यादव को चाईबासा और देवघर मामलों में पहले ही जमानत दी जा चुकी है। वहीं दुमका कोषागार से अवैध निकासी के मामले में लालू प्रसाद ने जमानत के लिए आधी सजा पूरी करने का दावा करते हुए याचिका दायर की थी।
यह भी पढ़ेंः Odisha में धामरा नदी पर 110 करोड़ की जेटी परियोजना को मंजूरी, जानिए क्या होगा फायदा ये था सीबीआई का तर्कइस मामले में सीबीआई की अदालत ने लालू प्रसाद को सात- सात साल की सजा दो अलग अलग धाराओं में सुनाई थी। बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद ने दावा किया था कि वह आधी सजा पूरी कर चुके हैं। वहीं सीबीआई का दावा था कि लालू प्रसाद की आधी सजा अभी पूरी नहीं हुई है।
आपको बता दें कि हाल में लालू यादव की बेटी रागिनी ने कहा था कि वे अपने पिता की रिहाई के लिए रोजा रखेंगी। इससे पहले भी दुमका कोषागार मामले में सुनवाई हुई, लेकिन लालू यादव को जमानत नहीं मिली।