राज्य का विशेष अधिकार खत्म
गौरतलब है कि संविधान में अनुच्छेद 370 के तहत राज्य को विशेषाधिकार थे। राज्य का अपना संविधान, झंडा और कानून था। देश का संविधान इस राज्य पर लागू नहीं होता था। यहां तक कि राज्य में बाहरी लोग जमीन नहीं खरीद सकते थे। गौरतलब है कि 5 अगस्त से पहले तक जम्मू-कश्मीर राज्य पर संविधान की धारा 356 लागू नहीं होती थी। यानी यहां राष्ट्रपति शासन नहीं, बल्कि राज्यपाल शासन लगता था। अब यह व्यवस्था खत्म हो गई है। यहां संविधान के तहत सभी कानून लागू होंगे।
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मोदी सरकार 2.0 में अनुच्छेद 370 खत्म
मोदी सरकार 2.0 ने राज्य के विकास के लिए अनुच्छेद 370 हटा दिया। सरकार ने दो केंद्रशासित प्रदेश बना दिया है। जम्मू-कश्मीर और लद्धाख को केंद्र शासित प्रदेश में बांटा गया है। जम्मू-कश्मीर पर भारतीय संविधान लागू होगा। जम्मू-कश्मीर में राज्यपाल होगा । वहीं लद्दाख में उपराज्यपाल होंगे साथ ही विधानसभा का कार्यकाल 5 साल का होगा।
विपक्ष ने अनुच्छेद 370 हटाने का विरोध किया
गौरतलब है कि अनुच्छेद 370 हटाने का विरोध विपक्ष ने पूरजोर तरीके से किया है। नेशनल कॉन्फ्रेंस, पीडीपी, कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी दलों ने विशेष दर्जा वापस लेने का विरोध किया। जम्मू कश्मीर में हालात नियंत्रण में रखने के लिए नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता, और पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला, पीडीपी चीफ महबूबा मुफ्ती समेत कई नेताओं को अब भी नजरबंद किया गया है। राज्य में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी रखी गई है।
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अनुच्छेद 370 हटाने के दौरान मोबाइल इंटरनेट समेत अन्य चीज़ों पर प्रतिबंध लगाया गया था। हालांकि अब हालात सामान्य हैं। धीरे-धीरे प्रतिबंधों में ढील दी गई है। मोबाइल और फोन को चालू कर दिया गया है। साथ ही स्कूल -कॉलेज और सरकारी संस्थानों को पहले जैसे खोल दिया गया है।