सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय का निर्देश
पत्रकारों की मान्यता संबंधित संशोधित दिशानिर्देशों के मुताबिक अगर किसी फेक न्यूज का प्रकाशन या टेलीकास्ट सुनिश्चित हो जाता है, तो पहली बार उस पत्रकार की मान्यता को छह माह के लिए जबकि दूसरी बार इसका दोषी पाए जाने पर एक साल के लिए रद्द कर दिया जाएगा।
अगर वो तीसरी बार भी दिशानिर्देशों का उल्लंघन करता है तो उसकी मान्यता को स्थायी रूप से रद्द कर दिया जाएगा। सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति में यह जानकारी दी गई।
भारतीय प्रेस परिषद के पास भेजी जाएगी शिकायत
इसमें बताया गया कि फेक न्यूज के मामले में प्रिंट मीडिया से जुड़ी किसी भी शिकायत को प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया (पीसीआई) के पास भेजा जाएगा, जबकि इलेक्ट्रॉनिक मीडिया से जुड़ी शिकायत को न्यूज ब्रॉडकास्टर्स एसोसिएशन (एनबीए) के पास, ताकि यह तय हो सके कि संबंधित खबर झूठी है या नहीं। मंत्रालय के मुताबिक इन दोनों संस्थाओं से 15 दिनों के भीतर यह प्रक्रिया पूरी की जाने की उम्मीद की जाती है।
मंत्रालय के मुताबिक एक बार फेक न्यूज तय किए जाने की शिकायत दर्ज होने के बाद संबंधित पत्रकार (कथित रूप से फेक न्यूज बनाने या प्रसारित करने वाले) की मान्यता अस्थायी रूप से तब तक ले लिए रद्द कर दी जाएगी जब तक इस बारे में कोई फैसला नहीं हो जाता।
प्रेस इंफॉर्मेशन ब्यूरो (पीआईबी) की प्रत्यायन समिति, जिसमें पीसीआई और एनबीए के प्रतिनिधि शामिल है, किसी भी न्यूज मीडिया एजेंसी के मान्यता संबंधी आवेदन को मान्य करने की भूमिका निभाएगी।