फैसले का हुआ विरोध
मंगलवार को देश की सर्वोच्च अदालत के फैसले का विरोध करती नजर आईं। विरोध करने वाली चार हजार स्त्रियों को पुलिस ने हिरासत में भी ले लिया था। दरअसल केरल के पथानमथिट्टा जिले में स्थित सबरीमाला मंदिर में हर उम्र की स्त्री को प्रवेश की अनुमति सुप्रीम कोर्ट ने दी थी। जिसके बाद हजारों स्त्रियां इसका विरोध करती नजर आईं। प्रदर्शनकारियों की मांग थी कि केरल सरकार सर्वोच्च न्यायालय के सबरीमाला मंदिर में स्त्रियों की एंट्री की अनुमति देने के फैसले के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दायर करे। मगर अब केरल सरकार ने साफ कर दिया है कि वह पुनर्विचार याचिका दाखिल नहीं करेगी।
ऐसे मंदिर जहां पुरूषों का जाना वर्जित, महिलाएं करती हैं पूजा ऐतिहासिक फैसला बीते 27 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट ने अपने एक ऐतिहासिक फैसले में सबरीमाला मंदिर में सभी उम्र की स्त्रियों के प्रवेश को इजाजत दी थी। कोर्ट ने अपने फैसले में 10 से 50 वर्ष के आयु वर्ग के बीच स्त्रियों को अनुमति देने की पुरानी प्रथा को तोड़ दिया था। इससे पहले तक ये वर्ग की स्त्रियां मंदिर में प्रवश नहीं कर सकती थीं। सबरीमाला मंदिर में स्त्रियों के प्रवेश के मामले में अदालत की पांच सदस्यीय पीठ में से चार ने सर्वसम्मति से फैसला सुनाया था, वहीं पीठ में शामिल एकमात्र महिला न्यायाधीश इंदु मल्होत्रा ने अपनी अलग राय रखी थी।