कोलकाता बंदरगाह पर इस घटना की जानकारी मिलने के बाद अधिकारी भी हैरान रह गए। कोलकाता पोर्ट ट्रस्ट के प्रमुख विनोद कुमार ने इस बारे में बताया कि शुक्रवार को जैसे ही बम बरामद हुआ, इलाके को पूरी तरह बंद कर दिया गया। इसके बाद पुलिस, नौसेना और सेना को इसकी जानकारी दी गई।
नीति आयोग की सूची में हुआ बड़ा खुलासा, भाजपा शासन में बिगड़ी इस प्रदेश के जिलों की हालत उन्होंने बताया कि शुक्रवार को नेताजी सुभाष डॉक बर्थ सेकेंड पर ड्रेजिंग का काम चल रहा था। तभी दोपहर करीब दो बजे यह 4.5 मीटर लंबा हवाई बम बरामद किया गया। शुरुआत में लगा कि यह एक टॉरपीडो (पानी के भीतर मार करने वाली मिसाइल) है, लेकिन नौसेना ने इसके एक बम होने की पुष्टि की।
उन्होंने आगे कहा कि इस विस्फोटक को आयुध फैक्ट्री के अधिकारियों की मदद से निष्क्रिय किया जा सकता है। वहीं, पश्चिम बंगाल में नौसेना के प्रभारी कमोडोर सुप्रभो के डे ने बताया कि इस बम से कोई खतरा नहीं है क्योंकि इसमें सुरक्षा के लिए कई लॉक लगे हुए हैं।
2018 में भारत ने बनाई दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा, विश्वभर में लोकप्रिय हुए सरदार पटेल उन्होंने आगे कहा, “यह 450 किलोग्राम का एक हवाई बम है, जिसमें कई ब्रैकेट्स लगे हुए हैं जिनसे इसे लड़ाकू विमानों से जोड़ा जाता है। इस बम से कोई खतरा नजर नहीं आता है क्योंकि इसमें कई लॉक्स लगे हुए हैं। इसके अलावा हवाई बम को एक निश्चित ऊंचाई से गिराना चाहिए, तभी यह अपना प्रभाव दिखा पाते हैं।”
उन्होंने कहा कि उम्मीद है कि इसके लिए आयुध फैक्ट्री की मदद ली जाएगी, जो गोला-बारूद बनाने में विशेषज्ञ हैं। अगर जरूरत पड़ी तो हम सहायता के लिए विजाग नेवल बेस से संपर्क कर सकते हैं।
सोशल मीडिया के लिए सरकार ने बनाए नए नियम, मसौदे पर मांगे लोगों से सुझाव गौरतलब है कि द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान कोलकाता में हुगली नदी के पूर्वी किनारे बने नेताजी सुभाष डॉक का अमरीकी नौसेना ने बड़े पैमाने पर इस्तेमाल किया था। बताया जाता है कि अमरीकी सेना ने इन बमों का इस्तेमाल जापानी सैन्य ठिकानों को उड़ाने के लिए किया था।
करीब 75 साल पुराना यह बम 500 मीटर (करीब आधा किलोमीटर) के दायरे में भारी तबाही मचा सकता है। े