बनर्जी ने एक प्रेस को संबोधित करते हुए कहा, “हमने पहले कोलाघाट में एक अकादमी स्थापित करने के लिए सनातन ब्राह्मण संप्रदाय को भूमि प्रदान की थी। इस संप्रदाय के कई पुजारी आर्थिक रूप से कमजोर हैं। हमने उन्हें भत्ता प्रदान करके का फैसला किया है, जिसके तहत 1,000 रुपये प्रति माह और राज्य सरकार की आवासीय योजना के तहत मुफ्त आवास दिया जाएगा।”
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इस साल से मिलेगा भत्ता
बनर्जी ने कहा, “मेरे पास सनातन ब्राह्मण पुजारियों का सही आंकड़ा नहीं है, लेकिन अभी तक हमें 8,000 के नाम मिले हैं और उन सभी को इस साल की दुर्गा पूजा से 1,000 रुपये का मासिक भत्ता मिलेगा और वे आवास के लिए पात्र होंगे।” उन्होंने कहा कि हम पुजारियों की मदद के लिए हमेशा उनके साथ खड़े हैं।
हिंदी अकादमी और दलित साहित्य अकादमी
इस दौरान बनर्जी ने राज्य के हिंदी भाषी और आदिवासी मतदाताओं को ध्यान में रखते हुए हिंदी अकादमी और दलित साहित्य अकादमी स्थापित करने का निर्णय लिया है। उन्होंने इसे हिंदी दिवस के रूप में घोषित किया, जिसे हर साल देश की आधिकारिक भाषा के रूप में हिंदी को अपनाने की याद में मनाया जाता है।
विपक्षी दलों ने बताया नौटंकी
इसके बाद विपक्षी दलों ने घोषणाओं को “चुनावी नौटंकी” बताया है। उन्होंने कहा, “हमने पहले सनातन ब्राह्मण संप्रदाय को कोलाघाट में एक अकादमी स्थापित करने के लिए जमीन दी थी। इस संप्रदाय के कई पुजारी आर्थिक रूप से पिछड़े हैं। हमने उन्हें प्रति माह 1,000 रुपये का भत्ता प्रदान करने और उन्हें मुफ्त आवास प्रदान करने में मदद करने का फैसला किया है।”