Mehtab Hossain का राजनीति से यू टर्न मेहताब हुसैन ( Mehtab Hossain ) ने कहा कि राजनीति छोड़ने का उनका फैसला व्यक्तिगत है। क्योंकि, उनके राजनीति में शामिल होने से उनके परिवार और शुभचिंतक काफी पीड़ा में हैं। लिहाजा, उन्होंने राजनीति ( Politics ) छोड़ने का फैसला लिया है। गौरतलब है कि मंगलवार को ईस्ट बंगाल ( East Bengal ) के पूर्व कप्तान मेहताब हुसैन ( Mehtab Hossain ) ने बीजेपी ( Mehtab Hossain Joins BJP ) का दामन थामा था। ठीक 24 घंटे बाद हुसैन ने एक फेसबुक पोस्ट में लिखा,’मैं किसी राजनीतिक दल से नहीं जुड़ा हूं, इस फैसले के लिए सभी शुभचिंतकों से माफी मांगता हूं’। उन्होंने कहा कि इस फैसले के लिए मुझे किसी ने दबाव नहीं डाला। राजनीति से दूर होने का फैसला पूरी तरह से निजी है। फूर्व फुटबॉल खिलाड़ी ने कहा कि मैं राजनीति में इसलिए आया, क्योंकि मैं सीधे तौर पर लोगों से जुड़ना चाहता था। मुश्किल के वक्त में मैं अपने लोगों के साथ रहना चाहता था। कई मजबूर चेहरों ने मेरी नींद ले ली है। इसलिए, मैंने राजनीति में आने का फैसला किया था।
मेहताब हुसैन ने राजनीति छोड़ने का बताया कारण पूर्व फुटबॉल खिलाड़ी मेहताब हुसैन ( EX Football Player Mehtab Hossain ) ने आगे कहा कि जिन लोगों के लिए मैं राजनीति में आया, उन्हीं लोगों ने कहा कि मुझे राजनीति में नहीं आना चाहिए। उन्होंने कहा कि उनके इस फैसले से उनकी पत्नी ( Mehtab Hossain Wife ) और बच्चे भी खुश नहीं थे। लिहाजा, उन्होंने राजनीति छोड़ने का फैसला किया। इधर, BJP का आरोप है कि तृणमूल कांग्रेस ( TMC ) की धमकियों के कारण मेहताब हुसैन ने अपना फैसला अचानक बदल लिया है। बीजेपी नेता सायंतन बसु ( Sayantan Basu ) का कहना है कि यह टीएमसी की धमकाने की राजनीति का परिणाम है। लेकिन, टीएमसी जितना इस तरह के हथकंडों को अपनाएगी, उतना ही जनता के भरोस से दूर होती जाएगी। वहीं, टीएमसी के नेताओं ने इन आरोपों को पूरी तरह से निराधार बताया है। गौरतलब है कि मंगलवार को मेहताब हुसैन ने कोलकाता स्थित बीजेपी ऑफिस ( BJP Office ) में पार्टी का झंडा लहराते हुए भारत माता की जय के नारे लगाए थे। लेकिन, अचानक उनके इस फैसले राज्य की राजनीति में सियासी भूचाल आ गया है।