नई दिल्ली। देशभर में कोरोना वायरस ( Coronavirus) के मामलों में लगातार इजाफा हो रहा है। अब तक देश में 9000 से ज्यादा लोग कोरोना वायरस से संक्रमित हो चुके हैं। जबकि इस घातक वायरस ने करीब 300 लोगों की जान ले ली है। कोरोना के बढ़ते प्रकोप के चलते मोदी सरकार ( Modi govt ) देशभर में 21 दिन का लॉकडाउन लागू किया, जिसकी अवधि 14 अप्रैल मंगलवार रात 12 बजे खत्म हो रही है।
लेकिन इस बीच खबरें हैं कि लॉकडाउन की अवधि को बढ़ाया जा सकता है। लॉकडाउन बढ़ने की इसी आहट ने प्रवासियों समेत दिहाड़ी मजदूरों के सब्र का बांध तोड़ दिया है। देश के कई इलाकों में इनका गुस्सा फूट रहा है। कई राज्यों में तों हिंसक घटनाएं भी सामने आईं, लेकिन इस बीच एक राज्य ऐसा भी है जहां प्रवासियों ने अपने गुस्से का इजहार गांधीगीरी से किया है।
इन प्रवासियों ने रविवार रात से भूख हड़ताल शुरू कर दी है। भूख हड़ताल के जरिये इन प्रवासियों ने अपनी आवाज बुलंद की है ताकि प्राशसन इसका कोई हल निकाल सके। इन लोगों का कहना है कि अगर प्रशासन ने उन्हें घर भेजने की व्यवस्था नहीं की तो वे खाना नहीं खाएंगे। सूचना पाकर मौके पर पहुंचे बीडीओ ने उन्हें समझाने का प्रयास किया, लेकिन वे अपनी जिद पर अड़े रहे। बाद में एसडीएम के आश्वासन पर उन्होंने खाना खा लिया।
लॉकडाउन के बाद प्रवासी कामगारों को पैदल ही घर लौटते देख केंद्र सरकार के आदेश पर 29 मार्च को सारी सीमाएं पूरी तरह सील कर दी गई थीं। पुलिस-प्रशासन ने कस्बे से गुजर रहे बाहर के लोगों को रोककर राहत शिविरों में ठहराया था। इनमें दिल्ली, यूपी और बिहार के लोग ठहरे हैं।
आपको बता दें कि देश के अन्य इलाकों में लॉकडाउन के बीच मजदूरों और प्रवासियों का गुस्सा हिंसक घटनाओं में बदल चुका है। फिर चाहे तमिलनाडु में मजदूरों का प्रदर्शन हो या फिर गुजरात में सूरत के लसगण इलाके में हजारों संख्या प्रवासी कामगारों का उग्र प्रदर्शन।
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