इस बारे में भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने ट्वीट कर कहा कि राम जन्मभूमि मामले में केंद्र सरकार सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई है। उन्होंने इसे सरकार का बड़ा दाव बताया है। सरकार ने यह कदम उठाकर अयोध्या विवाद मामले में विवादित जमीन छोड़कर बाकी जमीन को लौटने की मांग की है। इस पर जारी यथास्थिति हटाने की मांग की है। सरकार ने अपनी अर्जी में 67 एकड़ जमीन में से कुछ हिस्सा सौंपने की अर्जी दी है। सरकार के इस कदम का विश्व हिंदू परिषद व अन्य हिंदूवादी संगठनों ने स्वागत किया है।
आपको बता दें कि 1993 में तत्कालीन पीएम नरसिम्हा राव ने अयोध्या अधिग्रहण ऐक्ट के तहत विवादित स्थल और आसपास की जमीन का अधिग्रहण कर लिया था। पहले से जमीन विवाद को लेकर दाखिल तमाम याचिकाओं को खत्म कर दिया था। सरकार के इस ऐक्ट को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी। तब सुप्रीम कोर्ट ने इस्माइल फारुखी जजमेंट में 1994 में तमाम दावेदारी वाले सूट को बहाल कर दिया था और जमीन केंद्र सरकार को अपने पास ही रखने को कहा था। साथ ही निर्देश दिया था कि जिसके फेवर में अदालत का फैसला आता है, जमीन उसे दी जाएगी।