तीन तलाक पर मोदी से नाराज मुस्लिम महिलाओं ने कहा, ना दें दखल …ये है मोदी प्रेम की वजह
मोदी के मुरीद होने की बड़ी वजह प्रधानमंत्री आवास योजना है। हरपुर गढ़वा में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत करीब साढ़े तीन सौ पक्के मकान बने हैं, जिनमें से 300 का लाभ मुस्लिम समुदाय से ताल्लुक रखने वालों को मिला है। 300 से ज्यादा इन मुस्लिम परिवारों का कहना है आजादी के बाद से वे लोग बेघर थे, लेकिन मोदी सरकार की देन है कि उनके पास खुद का आशियाना है। गांव की 52 वर्षीय रुखसाना कहती हैं, ‘मेरे जीवन का एक ही सपना था कि मेरा अपना घर हो। इस सरकार ने मेरी मन्नतें पूरी कर दीं।’ गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने एक भाषण में कहा था कि 2022 तक देश के हर नागरिक को उसका घर दिलाना ही उनका सपना है।
मोदी के मुरीद होने की बड़ी वजह प्रधानमंत्री आवास योजना है। हरपुर गढ़वा में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत करीब साढ़े तीन सौ पक्के मकान बने हैं, जिनमें से 300 का लाभ मुस्लिम समुदाय से ताल्लुक रखने वालों को मिला है। 300 से ज्यादा इन मुस्लिम परिवारों का कहना है आजादी के बाद से वे लोग बेघर थे, लेकिन मोदी सरकार की देन है कि उनके पास खुद का आशियाना है। गांव की 52 वर्षीय रुखसाना कहती हैं, ‘मेरे जीवन का एक ही सपना था कि मेरा अपना घर हो। इस सरकार ने मेरी मन्नतें पूरी कर दीं।’ गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने एक भाषण में कहा था कि 2022 तक देश के हर नागरिक को उसका घर दिलाना ही उनका सपना है।
‘सबका साथ, सबका विकास की मिसाल’
राज्य में हुई हालिया सांप्रदायिक दुर्घटनाओं को दरकिनार करते हुए यहां के लोग कहते हैं कि वास्तव में यदि ‘सबका साथ, सबका विकास’ देखना है, तो इस गांव में आना चाहिए। इलाके की महिला अफसाना बेगम कहती हैं कि मुसलमानों को मोदी का नाम लेकर डराया जाता है और नफरत फैलाई जाती है। उनका कहना है कि ऐसी बातें करने वालों को एक बार इस पंचायत को आकर देखना चाहिए। इतना ही नहीं यहां के लोगों का कहना है कि इस गांव में सांप्रदायिक सौहार्द की भी अद्भुत मिसाल है और सभी लोग मिल जुलकर रहते हैं।
राज्य में हुई हालिया सांप्रदायिक दुर्घटनाओं को दरकिनार करते हुए यहां के लोग कहते हैं कि वास्तव में यदि ‘सबका साथ, सबका विकास’ देखना है, तो इस गांव में आना चाहिए। इलाके की महिला अफसाना बेगम कहती हैं कि मुसलमानों को मोदी का नाम लेकर डराया जाता है और नफरत फैलाई जाती है। उनका कहना है कि ऐसी बातें करने वालों को एक बार इस पंचायत को आकर देखना चाहिए। इतना ही नहीं यहां के लोगों का कहना है कि इस गांव में सांप्रदायिक सौहार्द की भी अद्भुत मिसाल है और सभी लोग मिल जुलकर रहते हैं।