भाजपा के लिए सबसे बड़ा चुनावी मुद्दा राम
मंदिर का रहा है, जिसे वह किसी भी कीमत पर छोड़ना नहीं चाहती है। एक बार फिर इसी मुद्दे को लेकर भाजपा सांसद डॉ. हरिओम पाण्डेय ने कई बयान देकर राजनीति को गर्म कर दिया है।
लोकसभा क्षेत्र अम्बेडकर नगर के सांसद डॉ. हरिओम पाण्डेय ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तुलना भगवान श्री राम से करके एक नए विवाद को जन्म दे दिया है। जिला मुख्यलय पर एक पत्रकारवार्ता के दौरान सांसद ने राम मंदिर मुद्दे पर अपनी अभिव्यक्ति के दौरान नरेंद्र मोदी को भगवान राम के बराबर का अवतारी पुरुष बताया है ।
उन्होंने कहाकि जिस तरह से भगवान श्रीराम ने अवतार लेकर आसुरी शक्तियों का सर्वनाश किया था, उसी प्रकार नरेंद्र मोदी का जन्म भी देश में बढ़ रही आसुरी शक्तियों का सर्वनाश करने के लिए हुआ है और नरेंद्र मोदी भी एक अवतारी पुरुष हैं।
राम मंदिर मुद्दे पर सर्वोच्च न्यायालय पर की टिप्पणी भाजपा सांसद इतने पर ही नहीं रुके। उन्होंने राम मंदिर मुद्दे को लेकर भी भावनात्मक बयान देकर सर्वोच्च न्यायालय में लंबित मुकदमे के फैसले से पहले ही अपना बयान देकर सुनवाई कर रही बेंच को भी सलाह देते हुए कहाकि हिन्दू मान्यता के अनुसार मूर्तियों में प्राण प्रतिष्ठा होती है और राम जन्मभूमि में भी प्राण प्रतिष्ठा की गई है इसलिए हम राम जन्म में पूजा नही करेंगे तो कहा करेंगे। उन्होंने कहाकि जस्टिस भी अगर भारत में रहते है और मानव का दिल रखते है तो उन्हें भी राम मंदिर के बारे में सोचना पड़ेगा और सोचना भी चाहिए।हिंदुओं की आस्था को बरकरार रखते हुए राम के पक्ष में फैसला सर्वोच्च न्यायालय देगा जिसे पूरा देश मानेगा।
जस्टिस लोया की मौत पर कांग्रेस को कटघरे में खड़ा किया डॉ. हरिओम पाण्डेय ने कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए कहा जस्टिस लोया की स्वभाभिक मौत को राजनीतिक हत्या से प्रेरित बताकर कांग्रेस ने घृणित कार्य किया है और इसकी जितनी भी निंदा की जाय वह कम है। उन्होंने कहाकि वह जनपद , प्रदेश और देश की जनता से अपील करते हैं कि कांग्रेस के इस घृणित कार्य की निंदा करे। उन्होंने कहाकि कांग्रेस के इस घृणित कृत्य को जस्टिस लोया की आत्मा भी देख रही होगी। भारतीय जनता पार्टी सबका साथ सबका विकास चाहती है।
बीजेपी सर्वोच्च न्यायालय का समान करती है। जस्टिस दीपक कुमार के ऊपर अभियोग लगाया गया उनके ऊपर कमेंट किया गया कि वे बीजेपी से प्रेरित होकर बीजेपी का सपोर्ट कर रहे है। पूर्व मंत्री
कपिल सिब्बल के राम मंदिर मुद्दे पर दाखिल किये गए याचिका, जिसमें राम मंदिर मामले का फैसला लोकसभा चुनाव के बाद आने के लिए किया था, उस पर सांसद ने कहाकि क्या अब सर्वोच्च अदालत को यह बताना पड़ेगा कि वह अपना फैसला कब सुनाये।
फिलहाल भाजपा सांसद के इस तरह के बयानों से यह बात तो साफ़ है कि जैसे जैसे लोकसभा चुनाव की तिथि नजदीक आती जायेगी, वैसे वैसे भाजपा समेत सभी राजनीतिक पार्टियों को इस तरह के बयान भी सामने आते रहेंगे जिससे मतों का ध्रुवीकरण किया जा सके।