SC का ऐतिहासिक निर्णय, कहा-HC को अपने ही आदेश वापस लेने का है अधिकार
क्या है पूरा मामला
आपको बता दें कि बिहार के मुजफ्फरपुर में एक बालिका गृह में 30 से अधिक नाबालिग लड़कियों के साथ कथित रूप से बलात्कार और यौन उत्पीड़न किए जाने का मामला सामने आया था। यह मामला सामने आने के बाद से देशभर में हड़कंप मच गया था। मामले की गंभीरता को देखते हुए टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेस (टीआईएसएस) ने बिहार के सामाजिक कल्याण विभाग को एक आडिट रिपोर्ट सौंपी। इस रिपोर्ट के सामने आने के बाद से तहलका मच गया। रिपोर्ट में यह बात सामने आई के नाबालिग लड़कियों के साथ यौन दुराचार करने के मामले में कई रसूखदार शामिल है। हैरानी की बात है कि इसमें बिहार सरकार के मंत्री पर भी सवाल खड़े हुए। इस मामले में नीतीश सरकार में मंत्री रह चुकी मंजु वर्मा और उसके पति पर भी आरोप लगे। सुप्रीम कोर्ट ने बिहार पुलिस और सरकार को भी फटकार लगाई, जिसके बाद सरकार ने कार्रवाई करते हुए मंजू वर्मा को मंत्री पद से बर्खास्त किया और जेल भेज दिया। फिलहाल इस पूरे मामले की जांच सुप्रीम कोर्ट में चल रही है।